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माेदी व याेगी का समर्थन करना मेरी राजनीति नहीं है: राघवेन्द्र सिंह राजू

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने मनाया 125वां स्थापना दिवस।

ekpahel.in (लखनऊ)। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने सोमवार को राजधानी में जापलिंग रोड़ स्थित राज अपार्टमेंट में प्रदेश कार्यालय पर अपना 125वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिंह राजू ने महासभा द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यक्रमों और जगह जगह हो रहें सम्मेलनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का समर्थन करना हमारी राजनीति नहीं है बल्कि महासभा चाहती है कि अधिक से अधिक क्षत्रियों को लोकसभा और विधानसभा में टिकट दिया जाए।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजू ने कहा कि गीता में साफ-साफ लिखा है कि जो राष्ट्र व धर्म के लिए लड़े उसका साथ जरूर दो और क्षत्रिय जाति बल्कि नहीं धर्म-कर्म है। सनातन धर्म ने हिन्दू धर्म में कर्मानुसार चार वर्ण बनाये थे, क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य, शूद्र फिर ये सैकड़ो जातियां किस ने बना डाली और क्यों। इतिहास गवाह है कि लोकतंत्र मे जनता का ही शासन चलना चाहिए, शासन जनता के लिए होना चाहिए। जनता का काम केवल मत देना नहीं बल्कि सरकार यदि हमारे द्वारा चुनी गई है और हमने बहुमत दिया है तो आज आवश्यकता हमे है कि सरकार को जगाने का सरकार की आंख खोलने का काम करें।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनाें ही जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं तब सब चुप्पी मे क्याें है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा चाहती है समानता कानून की आर्टिकल14,15 के अनुसार किसी मैं कोई भेदभाव नही किया जाए, जाति, लिंग, रंग के आधार पर भेदभाव क्यों, आरक्षण से क्या भेदभाव नहीं होता?आरक्षण की व्यवस्था तो संविधान में अस्थायी तौर पर शामिल की गयी थी ? लोकतंत्र की एक विवशता वोट बैंक की चिंता करना है, सभी राजनीतिक दल इस मोहपाश से ग्रस्त हैं। परन्तु हम यह भी जानते हैं कि किसकी सत्ता में सामाजिक समरसता और विद्वेष कितना घट अथवा बढ़ जाता है। देश की जनता को योग्यता की जगह अयोग्यता देने का नाम है जातिगत आरक्षण।

राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि क्षत्रियों! भारत को हम आत्मनिर्भर बनाना चाहते ताे हम सब को एकजुट होना पड़ेगा, अपने हक, अधिकार के लिए सामूहिक संघर्ष की योजना व रणनीति बनाए। हम समाजहित में हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के सवर्ण वकीलों को आरक्षण विरोध मुहिम में जोड़े। इन तमाम बिंदुओं को लेकर 13 नवंबर 2021 को राष्ट्रीय बैठक में बिजनौर में आपसे आत्ममंथन करेंगे।

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