EKPAHEL.IN | पिलीभीत। गोमती नदी की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विरासत पर आधारित लेखिका दीपिका चतुर्वेदी की नवीनतम पुस्तक ‘अलोंग द बैंक्स ऑफ रिवर गोमती’ का लोकार्पण उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा पिलीभीत में किया गया।
पुस्तक विमोचन से पूर्व राज्यपाल ने लेखिका दीपिका चतुर्वेदी से जिज्ञासावश पूछा कि उन्होंने यह विषय क्यों चुना और पुस्तक लिखने की प्रेरणा कहां से मिली? इस पर लेखिका ने उत्तर देते हुए कहा, “गोमती या किसी भी नदी के संरक्षण और स्वच्छता के लिए केवल सरकारों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। यह हम सभी नागरिकों का दायित्व है कि हम अपने जलस्रोतों को संरक्षित रखें और इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं।” दीपिका चतुर्वेदी की यह स्पष्ट और प्रेरणात्मक बात सुनकर राज्यपाल मुस्कुरा उठीं और उनके कार्यों की सराहना करते हुए उनकी प्रशंसा की।
पुस्तक विमोचन के पश्चात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, “इस पुस्तक में गोमती नदी के महत्व को जिस तरह साहित्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है, वह सराहनीय है। यह केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चेतना को जागृत करने वाला प्रयास है। गोमती जैसी नदियों की रक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है, और यह पुस्तक उस चेतना को प्रभावी ढंग से सामने लाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि साहित्य समाज को दिशा देने और जागरूक करने का एक प्रभावशाली माध्यम है, और यह कृति इस दिशा में एक प्रेरक उदाहरण है।
‘अलोंग द बैंक्स ऑफ रिवर गोमती’ पुस्तक गोमती नदी की उत्पत्ति स्थली पिलीभीत से लेकर उसके प्रवाह पथ तक की यात्रा को सुंदर शब्दों में पिरोती है। लेखिका ने गहन शोध के साथ नदी के किनारे बसे समुदायों, जैव विविधता, लोक परंपराओं और पर्यावरणीय संकटों को संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया है।
यह पुस्तक पाठकों को न केवल गोमती की ऐतिहासिक और पारिस्थितिक यात्रा से रूबरू कराती है, बल्कि भावनात्मक रूप से उन्हें नदी के संरक्षण के लिए सोचने और जागरूक होने के लिए प्रेरित करती है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में पिलीभीत के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद तारिक, राहुल वर्मा, आदित्य वर्मा सहित कई गणमान्य नागरिक, पर्यावरणविद, विद्वान और साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।