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कानपुर मेट्रो के पहले यात्री बने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ

EKPAHEL.IN | मेट्रो ट्रेन में सवारी करने के कानपुर वासियों के सपने को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बुधवार को ट्रैक पर उतारा। सीएम ने बुधवार को कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई। ट्रायल रन पूरा होने के बाद मेट्रो को लोगों के लिए शुरू किया जाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने विपक्ष पर सीधा हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने कानपुर क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया । उन्‍होंने कहा कि यह मेट्रो रेल परियोजना शहर को विकास के रास्ते पर ले जाएगी।

सुविधा, सुरक्षा और तकनीक के मामले में देश में सबसे खास मानी जा रही कानपुर मेट्रो में मुख्‍यमंत्री ने बुधवार को आईआईटी से मोती झील तक सफर भी किया। इस दौरान उन्‍होंने मेट्रो ट्रेन में लोगों को मिलने वाली सुविधाओं को भी देखा और मेट्रो प्‍लेटफार्मों का भी निरीक्षण किया।

सीएम योगी ने कहा कि मां गंगा के तट पर स्थित कानपुर को उसकी क्षमता के अनुसार विकसित नहीं किया गया। कभी औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र रहे इस शहर ने पिछली सरकारों की नकारात्मक और भ्रष्ट मानसिकता के कारण अपना औद्योगिक आकर्षण खो दिया था। विपक्ष पर सीधा हमला करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने कानपुर क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया । उन्‍होंने कहा कि यह मेट्रो रेल परियोजना शहर को विकास के रास्ते पर ले जाएगी। मेट्रो सेवा कानपुर के लोगों को सर्वोत्तम सुविधा देने के साथ उनके दैनिक जीवन को भी आसान बनाएगी। मेट्रो ट्रेन शुरू होने से सड़कों पर वाहनों की भीड़ भी कम होगी, जिससे शहर में प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा।कानपुर मेट्रो के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए सीएम ने कहा कि यह पीएम मोदी के मार्गदर्शन से ही संभव हो सका है कि उत्तर प्रदेश पांच शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने वाला वाला राज्य बनने जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि अगले कुछ सप्‍ताह के भीतर परीक्षण पूरा कर लिया जाए ताकि मेट्रो सेवाओं का लोग जल्द से जल्द लाभ उठा सकें।

दो साल की निर्धारित समय सीमा से पहले ही कानपुर मेट्रो का ट्रायल रन शुरू करने के लिए यूपीएमआरसी की सराहना करते हुए सीएम योगी ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद इस असाधारण उपलब्धि के लिए मैं यूपीएमआरसी के अधिकारियों को बधाई देना चाहता हूं।

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्य की शुरुआत 15 नवंबर 2019 को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने की थी। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना दो साल से भी कम समय में बन कर तैयार हुई है, जो कि एक रिकार्ड है। बुधवार को 9 किलोमीटर लंबे प्राथमिक सेक्‍सन पर ट्रायल रन की शुरुआत की गई । कानपुर मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत कोविड -19 की दो लहरों के बावजूद दो साल से भी कम समय में की गई है।

आईआईटी से मोतीझील लगभग 16 मिनट में

कानपुर मेट्रो ने आईआईटी से मोतीझील तक का सफर लगभग 16 मिनट में पूरा कर रही है। हर स्टेशन पर ट्रेन का स्टॉपेज 45 सेकंड का तय किया गया है । दिव्यांगों के चढ़ने-उतरने के लिए ट्रेन ज्यादा देर तक रोकी जा सकती है। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचने में औसतन एक मिनट का समय लगेगा। यूपीएमआरसी ने आईआईटी से मोतीझील तक नौ किलोमीटर लंबा एलीवेटेड ट्रैक तैयार किया है। इस रूट पर कुल नौ मेट्रो स्टेशन आईआईटी, कल्याणपुर, एसपीएम, विश्वविद्यालय, गुरुदेव, गीता नगर, रावतपुर, हैलट और मोतीझील बनाए गए हैं। कानपुर मेट्रो परियोजना के अंतर्गत लगभग 32.5 किमी लंबे दो मेट्रो कॉरिडोर  प्रस्तावित हैं। पहला आईआईटी से नौबस्ता जो कि 23.8 किमी है । चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा तक  8.6 किमी लंबा कारीडोर है। पहले कॉरिडोर के अंतर्गत आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक पहला सेक्शन बनकर तैयार हो गया है।

देश में सबसे खास है कानपुर की मेट्रो 

कानपुर मेट्रो रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से लैस है । इसके जरिये लगभग 35 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होगी। यानी अगर ट्रेन ऑपरेशन में 1000 यूनिट बिजली खर्च हो रही है तो रीजेनरेटिव ब्रेकिंग के माध्यम से ट्रेनें लगभग 350 यूनिट फिर से पैदा कर लेगी। जिन्हें वापस सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा।

स्टेशन और डिपो में लगने वाली लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से ऊर्जा बचाने में सक्षम होंगी। इनमें 37 प्रतिशत तक ऊर्जा दक्षता होगी। मेट्रो के सभी परिसरों में ऊर्जा की बचत के लिए 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल्स लगाने की भी योजना तैयार कर ली गई है । भारत में पहली बार कानपुर मेट्रो थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम के साथ होगी। खास इन्वर्टर , जो ट्रेन में लगने वाले ब्रेक्स से पैदा होने वाली ऊर्जा को वापस सिस्टम में इस्तेमाल के योग्य बनाएगा। अभी तक देश में थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम के साथ परिचालित किसी भी मेट्रो रेल परियोजना में ऐसी व्यवस्था नहीं है। कानपुर मेट्रो के प्राथमिक सेक्शन को पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO 14001 एवं संरक्षा प्रबंधन के लिए ISO 45001 प्रमाणपत्र मिल चुके हैं ।

 

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