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पत्रकारों पर हो रहे हमलों को लेकर लखनऊ में धरना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इन दिनों पत्रकारो को कई बार जुल्म और ज्यादती का शिकार होना पड़ा है। कुछ ज़िलों में पत्रकार को जिंदा जलाने की ख़बरें सुनने को मिलीं तो कहीं पत्रकार को कवरेज के दौरान मारा-पीटा गया। ऐसी हालत में ज़रूरी है कि पत्रकार एकता को मज़बूती के साथ आगे आना चाहिए और साथ ही वरिष्ठ पत्रकारों को भी इसका सहयोग करना चाहिए। यह बातें मशहूर समाजसेवी अधिवक्ता अनिल उपाध्याय ने पत्रकारों के धरने को संबोधित करते हुए कहीं। राजधानी लखनऊ के हज़रतगंज स्थित गांधी स्मारक के समक्ष सोमवार को पत्रकारों के कई संगठनों ने मिलकर धरना दिया। इस मौके पर इंडियन न्यूज़ पोर्टल एण्ड वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद ज़ाहिद अख़्तर तथा राष्ट्रीय महासचिव नीरज उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश की राज्यापल तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

लखनऊ का अन्ना के नाम से मशहूर सामाजसेवी अनिल उपाध्याय ने कहा कि आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। पत्रकार जो कभी सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़क पर नहीं उतरता, न सड़क जाम करता है बल्कि सर्दी, गर्मी, बरसात, आंधी, तूफ़ान में भी कवरेज करने निकल जाता है। उसे आज मारा पीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी जी से अनुरोध हैं कि चौथे स्तंभ पर हो रहे प्रहार पर रोक लगाने के लिए ठोस क़दम उठाये। धरने को संबोधित करते हुए मोहम्मद ज़ाहिद अख़्तर ने कहा कि जिस तरह से नित पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं ऐसा लग रहा है कि पत्रकार इन दिनों सत्ताधारी पार्टी के लिए साफ़्ट टार्गेट बन गए हैं। हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आयीं हैं जहां कवरेज के दौरान पत्रकारों को उन पर हो रही हिंसक वारदातों का सामना करना पड़ा है। श्री ज़ाहिद ने कहा कि हमारा धरना पूरी तरह से सांकेतिक है और यहां एकत्रित सभी पत्रकार बंधुओं की ओर से हम उत्तर प्रदेश की राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए उनसे आग्रह करते हैं कि पत्रकारों की सुरक्षा के व्यापक कदम उठाए जाएं। वहीं पत्रकार नीरज उपध्याय ने कहा कि यदि पत्रकारों पर हो रहे हमलों पर रोक नहीं लगी और उस पर कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई तो पत्रकार संगठन शांति मार्च निकालकर सरकार को जगाने का काम करेगी। सामाजिक कार्यकर्ता आसिफ़उल्लाह ने कहा कि पत्रकार हमेशा से ही समाज का हिस्सा रहा है। उसका काम ही समाज को ख़बरों से बा-ख़बर करना है ऐसे में अगर उसे कोई अधिकारी या सत्तारूढ़ पार्टी का कार्यकर्ता मारे पीटे तो यह हमारी लोकतंत्र पर हमला है।

चौथा स्तंभ पर प्रहार बर्दाश्त नहीं- रोहिताश मिश्रा

वरिष्ठ पत्रकार रोहिताश मिश्रा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता एक सामाजिक कार्य है। हम पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालकर ख़बरें निकालने का काम करते हैं। ऐसे में यदि पत्रकारों पर अनायास हमले होंगे तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धरने में तारीक़ सलीम, मुजीबुर्रहमान, अतहर सलीम, महेशचंद पांडेय, सरफराज़ ज़ाहिद, ग़ुलाम हुसैन, रईस अहमद, जमाल मिर्ज़ा, प्रवीन श्रीवास्तव, इक़बाल अली, अज़मतउल्लाह, फ़ैसल मुजीब, अज़ीम हुसैन, साजन जॉनसान, अनूप सोनी, विराट षर्मा, षबाब ख़ान, रिज़वान अली तथा समाजिक कार्यकर्ता धीरज कुमार भी उपस्थित रहे।

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