एक पहल। आस्था अभय और अंकित रायजादा स्मॉल स्क्रीन के जाने-माने चेहरे हैं। आस्था रांची, झारखंड से हैं। वह मिस इंडिया अर्थ 2016 की फाइनलिस्ट थीं और उनके कुछ बेहतरीन शोज़ में कसौटी जिंदगी की, वाणी रानी, प्यार तूने क्या किया, कौन है?, श्रीमद भागवत, सरस्वती और लाल इश्क शामिल हैं। इधर, अंकित ग्वालियर से नाता रखते हैं। उन्होंने जोधा अकबर में अपनी शुरुआत के बाद उन्होंने दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ, ये रिश्ता क्या कहलाता है, ये वादा रहा और वेब सीरीज खुशफहमियां में अपना बेहतरीन काम किया है। टेलीविजन की आस्था अभय और अंकित रायजाता की ताजातरीन जोड़ी अपने नए शो ‘मेरी डोली मेरे अंगना’ को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं।
आस्था अभय और अंकित रायजादा से एक पहल टीम की सयुंक्त रुप से हुई बातचीत के मुख्य अंश:–
शो के टाइटल ‘मेरी डोली मेरे अंगना’ के बारे में क्या कहना है?
आस्था- मैं दर्शकों से इस शो को देखने की गुजारिश करूंगी ताकि वो ये समझ सकें कि इसका इतना अनोखा नाम क्यों है। यह जानकी की कहानी है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे उसकी डोली उसी के घर में पहुंचती है।
अंकित- मैं शो में एक बदमाश और ठग बना हूं। मैं दिल भी चुराऊंगा और उम्मीद करता हूं कि आपका दिल भी चुरा लूंगा।
आपने किरदार की तैयारी कैसे की?
अंकित- मैंने अब तक जितने भी किरदार निभाए हैं, वे सभी बिट्टू से बहुत अलग हैं। बिट्टू के बोलने का सही तरीका जानने के लिए मुझे वो खास तरह की बोली सीखनी पड़ी। मैं एक छोटे शहर से हूं इसलिए मैं एक छोटे शहर के व्यक्ति के तौर-तरीकों से परिचित हूं और उनके नजरिए और रुख से अच्छी तरह वाकिफ हूं। मुझे जो सीखना था, वो थी स्पीच। मेरे कानपुर में दोस्त हैं, जिनसे मैंने कुछ शब्द लिए हैं। मैंने बिट्टू की तरह बोलना सीखने के लिए ओटीटी पर कुछ शोज भी देखे। जब आस्था, जानकी का किरदार निभाती हैं, तो मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि क्या जानकी जैसा प्यारा और सरल कोई और हो सकता है।
आस्था- जब मुझे इस किरदार के बारे में बताया गया, तो मुझे एहसास हुआ कि एक व्यक्ति के रूप में यह मेरे बिल्कुल विपरीत है, क्योंकि मैं एक बोल्ड और बिंदास लड़की के रूप में बड़ी हुई हूं। जानकी एक शांत, धैर्यवान और बहुत संस्कारी लड़की है। उसके पैरेंट्स उससे प्यार करते हैं और उसकी पूरी दुनिया उसके घर की चार दीवारी है। मुझे यह किरदार काफी पसंद आया और मैं इसे फिल्म ‘विवाह’ की अमृता राव की तरह देखती हूं।
आप दोनों ऑफ-स्क्रीन कितनी मस्ती करते हैं?
अंकित- ऑफ-स्क्रीन हम बहुत मस्ती करते हैं। आस्था मिठाई खाते हुए, मुझसे शेयर न करके मुझे चिढ़ाती रहती है। हम सभी एक-दूसरे की मदद और सपोर्ट करते हैं, यहां तक कि अपने किरदारों और उनके प्रस्तुतिकरण में भी। यदि हमें किसी भी चीज में कोई दुविधा होती है, तो वे उसे दूर करने के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं।
आस्था- आपको अंकित से मिठाई छिपानी पड़ती है, क्योंकि वो इसे लेकर भाग जाता है। सेट पर हम सभी के बीच बहुत अच्छी बॉन्डिंग है। जब मैं अपनी समस्याएं अपने निर्माताओं से बताती हूं, तो मुझे लगता है कि मैं अपने माता-पिता से बात कर रही हूं।