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काकोरी ट्रेन ऐक्शन की 97 वीं वर्षगांठ पर सीएम योगी ने काकोरी शहीद स्मारक पर शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
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राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
लखनऊ। देश की स्वाधीनता से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता है । देश की आजादी को हर हाल में सुरक्षित रखना हर भारतीय का दायित्व बनता है। देश की आजादी का यह अमृत महोत्सव हम सबको नई प्रेरणा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को काकोरी ट्रेन ऐक्शन की 97 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कही। काकोरी शहीद स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत माता के सभी महान सपूतों को जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने आप को बलिदान किया, जिन्होंने स्वतंत्र भारत में देश के विभिन्न युद्धों में देश की आंतरिक और बाह्य दोनों सुरक्षाओं के मोर्चे पर पूरी मजबूती के साथ डटकर के भारत की एक-एक इंच जमीन की रक्षा कर देश को एक सुरक्षित माहौल दिया है, उन सभी अमर दनियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज पूरे प्रदेश में काकोरी ट्रेन एक्शन की 97 वी वर्षगांठ आयोजित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।
शहीद स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के परिजनों को किया गया सम्मानित
सीएम योगी ने कहा कि हम लोगों ने 4 फरवरी 2021 को गोरखपुर से चौरी चौरा काण्ड के शताब्दी समारोह का शुभारंभ किया था। उत्तर प्रदेश में चौरीचौरा की घटना के साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव का भव्य आयोजन प्रधानमंत्री मोदी जी ने साबरमती आश्रम से प्रारंभ किया था। 12 मार्च 2021 से प्रारंभ यह अमृत महोत्सव 75 सप्ताह तक चलने वाला आयोजन है। अमृत महोत्सव का मतलब आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत। इन पंच सूत्रों के माध्यम से पांच प्रमुख मंत्र अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने दिए थे ।
सीएम योगी ने कहा कि काकोरी ट्रेन ऐक्शन वर्षगांठ का यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव की एक नई कड़ी के रूप में आयोजित हो रहा है।
सीएम ने कहा कि हम सब जानते हैं कि ब्रिटिश हुकूमत ने इस देश के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों,क्रांतिकारियों के साथ किस किस प्रकार का अत्याचार किया था। काकोरी ट्रेन एक्शन के मामले ने कहा जाता है कि क्रांतिकारियों ने अपने स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए यहां पर जिस घटना को अंजाम दिया था उसमें उनके हाथ केवल 4600 रुपए लगे थे। लेकिन अंग्रेजों ने देश के क्रांतिकारियों के खिलाफ कार्यवाही ,मुकदमे चलाने और उन्हें फांसी पर लटकाने तक जो धनराशि उस समय खर्च की थी वह 10 लाख थी। क्रूरता की यह कहानी हम सब की आंखे खोलने वाली है। यह हमें हमेशा इस बात का एहसास कराता है कि देश की स्वाधीनता से बढ़कर के कुछ नहीं हो सकता है।
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक़ उल्ला खान, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा देश की क्रांति की ज्वाला बुझने ना पाए कि इसके लिए इन महान क्रांतिकारियों ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया था। देश अंग्रेजी हुकूमत के सामने कभी झुका नहीं। सामूहिक रुप से 1857 का देश का प्रथम स्वतंत्र समर जिसमें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई,मंगल पांडे और मेरठ के क्रांतिकारियों ने अलग स्थानों पर क्रांति की जिस लौ को बढ़ाया था चौरीचौरा की घटना उसकी अगली कड़ी थी। चौरीचौरा के बाद काकोरी ट्रेन ऐक्शन ने उसी कड़ी को नई मजबूती देते हुए ब्रिटिश हुकूमत की जड़ों को हिलाने का काम किया था। इस लिए क्रूर ब्रिटिश हुकूमत ने उस समय सभी क्रांतिकारियों को बड़ी यातनाएं दी। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में ले जाया गया वहां उन्हें फांसी दी गई। ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक़ उल्लाह खान, राजेंद्र नाथ लाहड़ी को गोंडा, फैजाबाद और इलाहाबाद की जेलों में उन्हें फांसी दी गई। चंद्रशेखर आजाद ब्रिटिश हुकूमत के हाथ नहीं पड़े और अंतिम दम तक लड़ते हुए शहादत प्राप्त की थी।
उन्होंने कहा कि दुनिया को इस बात का एहसास कराने की आवश्यकता है कि 136 करोड़ की आबादी का यह भारत किसी भी प्रकार के जाति मजहब क्षेत्र भाषा या किसी भी प्रकार के नेताओं से ऊपर उठकर के केवल अपने एक धर्म के साथ जुड़ा है। वह हमारा राष्ट्र धर्म। उस राष्ट्र धर्म के साथ जुड़ कर के हम सब भारत की स्वाधीनता को अच्छुण्य बनाए रखने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना प्रारंभ कर दें। जिसका जो दायित्व है, वह अपने दायित्व का निर्वहन प्रारंभ कर दे तो भारत दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में सामने होगा। इस मौके पर योगी ने कार्यक्रम में शामिल क्रांतिकारियों के परिजनों का अभिनंदन किया ।