एक पहल (लखनऊ)। डेल्फिक एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश और ड्रीम मैंगोज की तरफ से हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन का आयोजन
किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरला जी के बहुत ही सुंदर वाणी वंदना से हुई। रामायण का गीत बहुत ही सुंदर रहा। यशोधरा का प्रश्न भी बहुत सार्थक और युगीन भी है। इसके बाद पूनम मिश्रा जी ने बहुत सुंदर गीत पढ़े। सरला के छंद और हिंदी पर आधारित गीत बहुत ही सुंदर थे।
डॉ शोभा त्रिपाठी जी ने हिंदी के व्याकरण को बहुत ही अच्छे ढंग से छंदबद्ध करके अपनी रचनाओं में समझाया। नुसरत अतीक़ जी ने बहुत ही सुंदर गीत माँ हिंदी के सम्मान में सुनाया। आदरणीय अखिलेश मिश्रा जी ने बहुत ही सुंदर रचनाएं पढ़ी, और अपने मधुर कंठ से हम सबका मन मोह लिया। अंत में डॉ कलीम क़ैसर जी ने बहुत ही शानदार गजल पढ़ी उनकी तरन्नुम में गायी गयी ग़ज़ल भी लाज़वाब थी और हिंदी ग़ज़ल में स्त्री मन की भावनाओं को जिस प्रकार बाँधकर उन्होंने प्रस्तुत किया,हर एक शेर पर सब रोमांचित हुए क्योंकि ऐसी रचनाएं कभी-कभी ही किसी से होती हैं मां वाणी की कृपा उन पर ऐसे ही बनी रहे। दीपिका चतुर्वेदी कार्यक्रम की संयोजन रहीं।