रूदौली में रामअचल गुप्ता की प्रतिमा का लोकार्पण करते उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फोटो।
यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज अयोध्या के दौरे पर हैं। उन्होंने आज रुदौली में कारसेवक रामअचल गुप्ता की प्रतिमा का लोकार्पण किया। रामअचल गुप्ता की मौत राम मंदिर आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से हुई थी।
पिता की समाधि के सामने खड़े संजय गुप्ता की फोटो।
14 अरब 78 करोड़ की परियोजनाओं की देंगे सौगात
डिप्टी सीएम आज 12:30 बजे अवध विश्वविद्यालय पहुंचेंगे। यहां पर वे अयोध्या मंडल को 14 अरब 78 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे। इस दौरान वह अयोध्या, बाराबंकी,अमेठी, सुल्तानपुर व अंबेडकरनगर की 996 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी करेंगे। इसके बाद अवध विश्वविद्यालय में कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
उसके बाद विश्वविद्यालय में ही भाजपा पदाधिकारियों से संवाद करेंगे। फिर 3 बजे लखनऊ वापस रवाना होंगे।
केशव प्रसाद मौर्य विश्वविद्यालय में भाजपा पदाधिकारियों से संवाद करेंगे।
पुलिस की गोली का शिकार हुए थे राम अचल
90 के राम मंदिर आंदोलन में अयोध्या के वासुदेव गुप्त,रमेश पांडेय, राजेंद्र धरकार सहित देश के 34 रामभक्तों ने पुलिस रिकार्ड में अपनी जान गवां दी थी। शुजागंज निवासी राम अचल गुप्ता ने भी इसी आंदोलन में कारसेवा के दौरान अपने प्राण गवां दिए थे। पुलिस की गोली का शिकार हुए राम अचल का शव घर आया था।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र मिलने पर हिस्सा बने बलिदानी कारसेवक के पुत्र संजय गुप्ता को ट्रस्ट की तरफ से राम दरबार का चांदी सिक्का मिला।
यह सिक्का संजय के लिए महत्वपूर्ण है। वह इस सिक्के को अपनी सबसे बहुमूल्य निधि मानते हैं। उन्होंने पिता की समाधि स्थल पर रामलला का प्रसाद व चांदी का सिक्का अर्पित किया। वह कहते हैं कि पिता का बलिदान रंग लाया। राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने से पिता का बलिदान सार्थक हो गया। आज उनका पुत्र होने पर गर्व महसूस कर रहा हूं।
पत्नी ने जताई प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण की इच्छा
पत्नी राजकुमारी मंदिर निर्माण शुरू होने से घर में खुशियों को समेट रही हैं। पति को याद कर उनकी आंखों में आंसू भर आते हैं। वे कहती हैं कि यह खुशी के आंसू हैं। पति की मौत के बाद 30 वर्ष के संघर्ष को याद करते हुए उनकी पीड़ा जरूर दिखती है, लेकिन उस पीड़ा को मंदिर निर्माण की सुखद छांव हर लेती है। राजकुमारी की अब अंतिम इच्छा प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में निर्माण की है।
अंकित हो बलिदानी कारसेवकों का नाम
कारसेवक राम अचल गुप्ता के परिवार की इच्छा है कि राममंदिर जन्मभूमि पर बलिदानी कारसेवकों का स्तंभ बनाया जाए। उस पर कारसेवकों का नाम अंकित हो। जिससे आने वाली पीढ़ियां उनके बारे में जान सके।
रोशन हो रही समाधि
रामअचल की समाधि पक्का तालाब शिव मंदिर पर है। भूमि पूजन के दिन से ही हर रोज समाधि रोशन हो रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अभाविप के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शुभम तिवारी की अगुवाई में आशीष शर्मा, संजय अग्रवाल, पंकज शर्मा ने समाधि स्थल पर पहुंच कर श्रद्धाजंलि अर्पित की।
विधायक रामचंद्र यादव ने बनवाई मूर्ति
विधायक रामचंद्र यादव ने राम अचल की मूर्ति बनवाई है। 26 वर्ष की उम्र में राम अचल गुप्ता अपने दो दर्जन कारसेवकों के साथ 30 अक्टूबर को कारसेवा करने रामनगरी पहुंचे थे। उसी दिन पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी।
राम अचल की मूर्ति लगने से आने वाली पीढ़ियां उनको याद रखेंगी
राम अचल की पत्नी राजकुमारी के संघर्ष के बारें में सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं। वह कहती हैं कि राम पर अटूट विश्वास के सहारे ही तीन मासूम बच्चों को लेकर जीवन के रास्ते पर चल पड़ी। अनेक तकलीफे सहते हुए बच्चों को पढ़ाया। दो पुत्र संजय व संदीप पुत्री ममता की परवरिश कर शादी किया।
बड़े पुत्र संजय की पिता की मौत के वक्त उसकी उम्र महज पांच वर्ष थी। किराना की दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण हो रहा है। राम अचल की मूर्ति लगने से कम से कम आने वाली पीढ़ियां उनको याद रखेंगी। डिप्टी सीएम के आने की की सूचना मिलने के बाद परिवार के लोग खुश हैं।
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