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योगी सरकार में संस्कृत को मिला नया आयाम

श्रेया पाठक (लखनऊ)। मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जब से सत्‍ता की कमान संभाली है तब से अब तक उन्‍होंने भाषा के उत्‍थान पर कार्य किया है। जिससे सीधे तौर पर उससे जुड़े सभी शिक्षकों और छात्रों को लाभ मिल रहा है। ऐसी ही भाषा है संस्‍कृत। देववाणी कहलाने वाली संस्‍कृत भाषा विश्‍वस्‍य सर्वासु भाषासु प्राचीनतम भाषा अस्ति। जिसका मतलब है कि विश्‍व में सबसे प्राचीन भाषा संस्‍कृत है। जिसके उत्‍थान के लिए योगी सरकार लगातार कार्य कर रही है। उत्‍तर प्रदेश में संस्‍कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी ने एक ओर छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत की तो वहीं संस्‍कृत विद्यालयों का कायाकल्‍प भी किया।

पिछली सरकारों में पीछे रही संस्‍कृत भाषा का न सिर्फ योगी सरकार ने सम्‍मान किया बल्कि उसका मान भी बढ़ाया है वहीं प्रदेश सरकार ने संस्‍कृत शिक्षा को आधुनिक तर्ज पर बढावा देने के लिये संस्कृत विद्यालयों को डिजटलाइज्‍ड भी किया। प्रदेश सरकार द्वारा यूपी संस्‍कृत शिक्षा परिषद से मान्‍यता प्राप्‍त 72 आवासीय संस्‍कृत विद्यालयों और म‍हाविद्यालयों को आधुनिक उपकरण मुहैया कराए गए। वहीं, यूपी माध्‍यमिक संस्‍कृत शिक्षा परिषद से मान्‍यता प्राप्‍त 35 आवासीय संस्‍कृत उच्‍चस्‍तर माध्‍यमिक विद्यालय में कंप्‍यूटर द्वारा संस्‍कृत की कक्षाएं भी संचालित की गई। जल्‍द ही संस्‍कृत विद्यालयों के पाठ्यक्रमों का ई पाठलेखन कराने की तैयारी है। इससे प्रदेश में स्थित 1100 संस्‍कृत माध्‍यमिक विद्यालय के 60 हजार से अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा।

प्रदेश के सभी वर्गों में संस्‍कृत भाषा के महत्‍व को बताने व नए छात्रों को जोड़ने के उद्देश्‍य से काम कर रही योगी सरकार अपने संकल्‍प को साकार कर रही है। पिछले साढ़े चार सालों के कार्यकाल में योगी सरकार ने संस्‍कृत प्रेमियों को ढेर सारी सौगातें दी हैं। जिसके तहत साल 2019-2020 में यूपी के संस्‍कृत संस्‍थान की लाइब्रेरी के लिए 3000 नई पुस्‍तकों को खरीदा जिससे संस्‍कृत में शोध करने वाले छात्रों को लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही गूगल प्‍ले स्‍टोर पर सन्‍दर्शिका ऐप को भी अब तक लगभग 10 हजार लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

छात्रवृत्ति योजना से संवरा छात्रों का भविष्‍य

माध्‍यमिक संस्‍कृत शिक्षा परिषद से मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूलों में पढ़ने वाले 731 मेधावी छात्रों के खाते में वित्तीय वर्ष 2019 2020 में 35 लाख 59 हजार छात्रवृत्ति की धनराशि हस्‍तांतरित की जा चुकी है। साल 2020–2021 में कुल 744 छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। वहीं, 2021-22 में मेधावी संस्‍कृत छात्रों 42 लाख रुपए की छात्रवृत्ति‍ दी जाएगी।

संस्कृत में सिविल सेवा की दी जा रही निःशुल्क कोचिंग

यूपी में संस्कृत साहित्य में सिविल सेवा की निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। संस्कृत भाषा के संवर्धन के लिये अभ्यर्थियों को संस्कृत को मुख्य विषय बनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रशासनिक सेवाओं में भी संस्कृत भाषा को बढ़ाने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से संस्कृत साहित्य में सिविल सेवा की निःशुल्क कोचिंग एवं मार्गदर्शनy कार्यक्रम में प्रारम्भिक परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक की तैयारी करायी जाती है। विशेषज्ञों की ओर से इसमें व्याकरण, भाषाशास्त्र, दर्शन, महाकाव्य, संस्कृत नाट्यशास्त्र, संस्कृत गद्य एवं पद्य आदि की पढ़ाई कराई जाती है। यूजीसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या फिर समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 21 से 35 वर्ष आयु के सभी वर्ग के अभ्यर्थी इस परीक्षा के पात्र हो सकते हैं।

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