लखनऊ। सचिव, मुख्यमंत्री तथा व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा श्री आलोक कुमार की अध्यक्षता में आज यहां ‘वर्ल्ड स्किल डे’ के अवसर पर लोक भवन में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी फॉर अप्रेण्टिसशिप की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं का कौशल विकास सुनिश्चित करते हुए उन्हें रोजगार के लिए उपयुक्त बनाना चाहती है, ताकि उनकी रोजगार प्राप्त करने की सम्भावनाएं बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी सेक्टरों में कुशल कामगारों की बड़ी मांग है। इसे पूरा करने में कौशल विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सचिव, मुख्यमंत्री तथा व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा ने कहा कि अधिक से अधिक विद्यार्थी अप्रेण्टिसशिप योजना का फ़ायदा उठाएं, उसके लिए जिले के स्तर पर आई0टी0आई0 के प्रधानाचार्य और उद्योग और वाणिज्य (जी0एम0डी0आई0सी0) को विद्यार्थियों के लिए ज्यादा से ज्यादा अप्रेण्टिसशिप के मौके बनाने होंगे। संस्थानों में आत्मविश्वास जगाना होगा और दोनों के बीच सहयोग स्थापित करना भी बहुत आवश्यक है। इससे विद्यार्थियों को अप्रेण्टिसशिप करने में आसानी होगी।
बैठक में ‘डुअल सिस्टम ट्रेनिंग एण्ड ऑन द जॉब ट्रेनिंग’ के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा योजनाओं के तहत अभ्यर्थियों का कौशल विकास करते हुए उनकी रोजगार की सम्भावनाओं को बढ़ाने पर विचार किया गया
बैठक के दौरान ‘डुअल सिस्टम ट्रेनिंग एण्ड ऑन द जॉब ट्रेनिंग’ के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा योजनाओं के तहत अभ्यर्थियों का कौशल विकास करते हुए उनकी रोजगार की सम्भावनाओं को बढ़ाने पर विचार किया गया। बैठक में कौशल विकास, इसके उद्देश्यों, क्रियान्वयन, अन्तर्विभागीय सहयोग के बिन्दुओं तथा स्टेकहोल्डर्स के सम्बन्ध में चर्चा की गई।
बैठक को सम्बोधित करते हुए निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन श्री कुणाल सिल्कू ने कहा कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना बहुत आवश्यक है। अप्रेण्टिसशिप के 02 फायदे हैं-यह कुशल युवाओं के लिए नौकरी के अवसर प्रदान करती है और औद्योगिक संस्थानों में उन्हें काम करने का मौका देती है।
श्री कुणाल सिल्कू ने कहा कि अप्रेण्टिसशिप में पिछले एक वर्ष में काफी सारे बदलाव आए हैं। उन्होंने कहा कि अप्रेण्टिसशिप को सहभागिता के आधार पर चलाना होगा। राज्य में अप्रेण्टिसशिप करने वाले अभ्यर्थी को सरकार की ओर से 1,000 रुपए से अधिक की धनराशि प्राप्त होगी। भुगतान की इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ब्ड।च्ै पोर्टल शुरू किया गया है, जिससे अब रेजिस्ट्रेशन से लेकर भुगतान की प्रक्रिया सरल हो गयी है।
उल्लेखनीय है कि 16 फरवरी, 2021 को राइटवॉक फाउण्डेशन ने सचिव, मुख्यमंत्री एवं व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा श्री आलोक कुमार तथा निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन श्री कुणाल सिल्कू की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ गैर वित्तीय अप्रेण्टिसशिप स्कीम के कार्यान्वयन हेतु एक एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया था। इसका उद्देश्य अप्रेण्टिसशिप स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू करने में विभागों की सहायता करना था। इसके लिए एक परियोजना प्रबन्धन इकाई का गठन किया गया है।
अप्रेण्टिसशिप स्कीम वंचित वर्ग के कुशल और अर्द्धकुशल युवाओं को 6-36 महीने की ऑन-दी-जॉब ट्रेनिंग के ज़रिये औद्योगिक संस्थानों से जोड़ती है, जिससे उनकी कौशल वृद्धि होती है और भविष्य में उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होती है।
7,000-10,000 रुपए के बीच मिलने वाला स्टाइपेण्ड उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाता है।
बैठक के दौरान वर्चुअल माध्यम से सचिव, मुख्यमंत्री तथा व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा द्वारा विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में अप्रेण्टिसशिप कर रहे कई अभ्यर्थियों से वार्तालाप कर उनकी प्रगति की जानकारी ली गई।
बैठक में विशेष सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्री हरिकेश चौरसिया, सी0आई0आई0 के प्रतिनिधि श्री विकास द्विवेदी, फिक्की के वरिष्ठ सदस्य श्री प्रतीक हीरा, लघु उद्योग भारती के राज्य अध्यक्ष श्री जनक भाटिया, राइटवॉक फाउण्डेशन की फाउण्डर और सी0ई0ओ0 सुश्री समीना बानो, लेट्स ड्रीम फाउण्डेशन की सी0ओ0ओ0 सुश्री वैशाली सामंता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।