Home / उत्तर प्रदेश / प्रयागराज में शाइन सिटी का आईटी हेड सुनील जायसवाल गिरफ्तार:दुबई में बैठे अंतर्राष्ट्रीय ठग राशिद नसीम के इशारे पर करता था काम, दोनों मिलकर 500 से अधिक लोगों को लगा चुके हैं अरबों रुपए का चूना

प्रयागराज में शाइन सिटी का आईटी हेड सुनील जायसवाल गिरफ्तार:दुबई में बैठे अंतर्राष्ट्रीय ठग राशिद नसीम के इशारे पर करता था काम, दोनों मिलकर 500 से अधिक लोगों को लगा चुके हैं अरबों रुपए का चूना

सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुनील जायसवाल को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। - Dainik Bhaskar

सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुनील जायसवाल को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।

एसटीएफ लखनऊ को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। उसने प्रयागराज से एक साफ्टवेयर इंजीनियर(आईटी हेड) को गिरफ्तार है। उसके ऊपर आरोप है कि वह ऑनलाइन प्रॉपर्टी, फूड और क्रिप्टो करेंसी की ठगी का कारोबार करता है। उससे पूछताछ की जा रही है।

अंतराष्ट्रीय ठग राशिद नसीम के लिए करता था काम
पकड़े गए सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पहचान सुनील जायसवाल के रूप में हुई है। उसे सोमवार को दोपहर में गिरफ्तार किया गया था। वह पिछले 2 सालों से मल्टी लेवल मार्केटिंग के माध्यम से शाइन ग्रुप ऑफ कंपनीज और स्काई ओसियन के सीएमडी राशिद नसीम की कंपनी में आईटी हेड के रूप में काम कर रहा था। हाल ही में उसने चार वेबसाइटें तैयार की थी। जिनका वह स्वयं संचालन भी कर रहा था। दुबई में बैठा राशिद नसीम ही उसे निर्देशित करता रहता था।

मुख्य सरगना ने खोल रखी हैं एक दर्जन कंपनियां
मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी के माध्यम से प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश और देश में रियल एस्टेट कंपनियों, शाइन सिटी, शाइन क्वाइन, शाइन फूड एंड बेवरेज, स्काई ओशियन आदि कंपनियों के माध्यम से ठगी का एक बहुत बड़ा कारोबार चल रहा था। जिसका सीएमडी राशिद नसीम है, जो फिलहाल दुबई में छिपा हुआ है। वहीं से वह अपने कारोबार का संचालन करता है। राशिद नसीम ही ऑनलाइन ठगी के कारोबार का मुख्य सरगना है।

नवाबगंज इलाके से पकड़ा गया ठग कंपनियों का आईटी हेड
आईटी हेड सुनील जायसवाल को पकड़ने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ लखनऊ और अमेठी जनपद के गौरी गंज थाने की पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई थी। उन्होंने प्रयागराज के नवाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कौड़िहार के कसारी गांव में छापा मारकर सोमवार को सुनील कुमार जायसवाल पुत्र अयोध्या प्रसाद जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से मोबाइल, लैपटॉप, चार एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट और इंटरनेशनल एयर टिकट बरामद किया गया है। पूछताछ में पता चला है कि सुनील कुमार जायसवाल दुबई में बैठे राशिद नसीम के इशारे पर काम करता था।

उसने भारत मे ऑनलाइन ठगी के लिये दो वेबसाइट स्काई ओसियन डॉट लाइन और स्कॉर्पियो सेंट कॉइन डॉट लाइव को तैयार किया था। जिसका वह खुद संचालन करता था। बीते 6 महीनों में उसने तकरीबन 80 करोड़ रुपए की ठगी की थी।

मार्च में दुबई में गया था सुनील
सुनील जायसवाल मार्च 2021 में दुबई गया था। वहां पर राशिद नसीम ने 80 टीम लीडरों का सेमिनार आयोजित किया था। जिसमें उसने खुद कंपनी के प्लान और वेबसाइटों के बारे में सबको जानकारी दी थी। सुनील 31 मार्च को दुबई से वापस आया और तीन अन्य सॉफ्टवेयर व वेबसाइट को नसीम के कहने पर बनाया था। जिनका नाम हेजेक्स डॉट ईयू, हेजेक्स डॉट यूके और हेजक्रिप्टो डॉट आईओ है।

29 जून को लखनऊ में हुई थी चार सदस्यों की गिरफ्तारी
स्काई ओसियन डॉट लाइन, स्काई ओसियन क्वाइन डॉट लाइव नाम से वेबसाइट व सॉफ्टवेयर बना कर ठगी का कारोबार किया जा रहा था। इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो 29 जून को लखनऊ के विभूति खंड से 4 लोग बृजमोहन सिंह, अंकित कुमार, मोहम्मद फैजान, व सुभाष तुकाराम देवकाते को गिरफ्तार कर लिया गया था। तभी से पुलिस और एसटीएफ इस मामले की छानबीन में जुटी हुई थी।

राशिद के कहने पर वेबसाइटों को डिलीट कर रहा था सुनील
30 जून को राशिद नसीम ने फोन के जरिए सुनील जायसवाल को सतर्क रहने और मौका मिलने पर सॉफ्टवेयर और वेबसाइटों को डिलीट करने के लिए कहा था। इसी बीच एसटीएफ ने ऑनलाइन सर्च करने की कोशिश की तो कंपनी के नाम और डिटेल गायब मिले। पूछताछ में सामने आया कि सारा काम प्रयागराज में रहने वाले सुनील जायसवाल कर रहा है।

उसने ही दोनों कंपनियों की पूरी डिटेल गूगल सर्च इंजन से डिलीट कर दी थी। सुनील ने पूछताछ में बताया कि वह 2018 से नेटकैब टेक्नोलॉजी प्रयागराज में वेबसाइट व सॉफ्टवेयर डिजाइनर है। अक्टूबर 2020 में राशिद नसीम, अंकित सिंह व ब्रजमोहन कुमार सिंह द्वारा स्काई ओसियन डॉट लाइन और स्काई ओसियन डॉट लाइन का प्रोजेक्ट उसे दिया गया था। प्रोजेक्ट का संचालन भी वही कर रहा था।

रियल स्टेट के कारोबार में ठगे गए 500 लोग
एसटीएफ ने बताया कि इस मल्टीनैशनल कंपनी का एक बड़ा कारोबार प्रयागराज के यमुनापार इलाके के घूरपुर अंतर्गत कांटी में था। जहां वह साइन सिटी के नाम से अरबों रुपए का रियल स्टेट प्रोजेक्ट चला रहा था। लोगों से किस्त के जरिए पैसे लेकर वह प्लाटों की बुकिंग कर रहा था। इसके लिए व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार किए गए थे। इसमें तकरीबन 500 से ज्यादा लोगों ने प्लाट बुक कराएं और ठगी के शिकार हुए हैं।

इस संबंध में घूरपुर थाने में कई एफआईआर भी दर्ज है। अब तक की छानबीन में इसलिए को पता चला है कि गिरोह ने पूरे देश में अरबों रुपए की ठगी की है। पकड़े गए सुनील जायसवाल के खिलाफ अमेठी जनपद के गौरीगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर ली गई।

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