- एलेक्स एलिस ने ओडीओपी योजना को बताया नायाब
- इनके डिजाइनिंग, पैकेजिंग और तकनीक मुहैया कराएगा ब्रिटेन
- टेक्सटाइल,लेदर,एमएसएमई,शिक्षा स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में भी मिलकर करेंगे काम
लखनऊ। ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदत्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने सीमित संसाधनों में
वैश्विक महामारी कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने भी बताया कि इस बाबत सरकार ने लोगों के जीवन और जीविका को सर्वोच्च मानते हुए क्या-क्या कदम उठाए।
एलेक्स ने प्रदेश सरकार की एक जिला,एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना को खुद में नायाब बताया। कहा कि इससे स्थानीय स्तर के खास उत्पादों, इनसे जुड़े परंपरागत कलाकारों की पहचान और मुकम्मल होगी। ब्रिटेन सरकार इन उत्पादों को अंतराष्ट्रीय बाजार में कीमत और गुणवत्ता के लिहाज से प्रतियोगी बनाने में डिजाइनिंग, पैकेजिंग और तकनीक में मदद करने को तैयार है। उच्चायुक्त ने ओडीओपी उत्पादों के अलावा टेक्सटाइल, लेदर ,स्वास्थ्य, एमएसएमई के वे क्षेत्र जो लोकल क्राफ्ट से जुड़े हैं और पर्यावरण आदि के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश सरकार के साथ काम करने की इक्षा जताई। यह भी कहा कि ब्रिटेन शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करने को इक्षुक है। मिशन शक्ति और अन्य योजनाओं के जरिए महिलाओं की सुरक्षा, स्वावलंबन और शसक्तीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के लिए भी उन्होंने मुख्यमंत्री की तारीफ की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश को सर्वोत्तम बनाना मेरी सरकार की मंशा है। इस बाबत आप जो भी करना चाहें उसके लिए सरकार हर संभव मदद देने को तैयार है।
वाराणसी यात्रा का अनुभव अलौकिक, अद्भुत और यादगार रहा
करीब ढाई दशक पहले अपनी वाराणसी यात्रा को अलौकिक, अद्भुत और यादगार बताते हुए एलेक्स ने कहा कि तबसे अब तक वहां बहुत कुछ बदल चुका है।
भारतीय हरित खादी ग्राम्य उद्योग संस्थान के सेंटर भी गए एलेक्स
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद एलेक्स एलिस सफेदाबाद स्थित भारतीय हरित खादी ग्राम्य उद्योग संस्थान के सेंटर गए। इस सेंटर में महिलाओं को उन्होंने सोलर चरखे से धागे और कपड़े को बनाए जाते हुए देखा। सोलर चरखे से धागा कैसे बनता है, फिर उससे खादी का कपड़ा कैसे बनाया जाता है, इसके बारे में उन्होंने चरखे पर काम कर रही महिलाओं से जानकारी प्राप्त की। यहां बनाए गाए कपड़े को कहां बेचा जाता है, यह भी उन्होंने पूछा तो उन्हें बताया गया कि ग्रीन वेयर ब्रांड के नाम से यहां बने खादी के कपड़े से बच्चों की यूनिफार्म बनायी जाती है, जिन्हें सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिया जाता है। इसके अलावा भी कुर्ते आदि बनाए जाते हैं।