Home / उत्तर प्रदेश / काशी में मोदी-योगी के खिलाफ फिर लगे विवादित पोस्टर:हिंदू सेना अध्यक्ष ने PM-CM को ढोंगी और हिंदू विरोधी कहा, बोले- सरकार कहां-कहां दर्ज कराएगी FIR, अब ये देखना है

काशी में मोदी-योगी के खिलाफ फिर लगे विवादित पोस्टर:हिंदू सेना अध्यक्ष ने PM-CM को ढोंगी और हिंदू विरोधी कहा, बोले- सरकार कहां-कहां दर्ज कराएगी FIR, अब ये देखना है

वाराणसी के रवींद्रपुरी क्षेत्र में विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष द्वारा लगवाए गए विवादित पोस्टर को हटाता सिपाही। - Dainik Bhaskar

वाराणसी के रवींद्रपुरी क्षेत्र में विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष द्वारा लगवाए गए विवादित पोस्टर को हटाता सिपाही।

वाराणसी में विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फिर कई जगह पोस्टर लगाए हैं। अरुण ने पीएम-सीएम को हिंदू विरोधी और ढोंगी करार दिया है। साथ ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी पोस्टर को पोस्ट किया है। पोस्टर खुद लगाने का दावा करने वाले अरुण ने चैलेंज किया है कि अब देखना है कि योगी सरकार कहां-कहां FIR करवाती है।

अरुण पाठक ने इससे पहले 1 और 2 जुलाई को गाजीपुर और बलिया जिले के अलावा वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन के समीप विवादित पोस्टर लगवाए थे। उनके खिलाफ सिगरा थाने में पुलिस की ओर से केस दर्ज किया किया गया था। पुलिस अब एक बार फिर अरुण की तलाश शुरू कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज की तैयारी में है।

अरुण पाठक की फेसबुक वॉल का स्क्रीनशॉट।

अरुण पाठक की फेसबुक वॉल का स्क्रीनशॉट।

भेलूपुर और लंका क्षेत्र में रात में चिपकाए गए पोस्टर

अरुण पाठक ने इस बार लंका और भेलूपुर थाना क्षेत्र में अलग-अलग जगह सोमवार की देर रात विवादित पोस्टर लगवाए हैं। इसके साथ ही अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्टरों के वीडियो के साथ लिखा है कि मेरे लोगों ने कैंट स्टेशन के समीप पोस्टर लगाया तो सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया। अब लोकतंत्र में अपनी बात रखने पर एफआईआर होगा तो लीजिए लंका, बीएचयू गेट, रथयात्रा और अस्सी घाट सहित कई अन्य जगह पर पोस्टर लगवा दिया हुं। अब देखना है कि लोकतंत्र की हत्यारी योगी सरकार कहां-कहां एफआईआर दर्ज कराती है।

सार्वजनिक कार्यक्रमों में अरुण को एक साल से किसी ने नहीं देखा

कभी शिव सेना के कट्‌टर समर्थकों में शुमार रहे अरुण पाठक को बीते एक साल से वाराणसी में किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं देखा गया है। दरअसल, जुलाई 2020 में नेपाल के प्रधानमंत्री द्वारा भगवान राम को नेपाली बताया गया था। इससे नाराज होकर अरुण पाठक ने एक नेपाली युवक का सिर मुड़वा कर जय श्रीराम लिखा। इसके बाद नेपाल और चीन विरोधी नारेबाजी करा कर वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। प्रकरण को लेकर अरुण पाठक के खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था और 4 लोग जेल भेजे गए थे। हालांकि अरुण पाठक ने हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे ले लिया था। इसके बाद से अरुण पाठक वाराणसी में कहीं नजर नहीं आए।

डीसीपी ने दो थाना प्रभारियों को कार्रवाई का दिया निर्देश

उधर, लंका और भेलूपुर थाना क्षेत्र में चिपकाए गए विवादित पोस्टर को लेकर डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने बताया कि दोनों थाने के प्रभारियों को जांच करा कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस की एक टीम अरुण पाठक की तलाश करने के लिए लगाई गई है।

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