राजधानी के अस्पतालों में सुबह से ही ओपीडी रेजिस्ट्रेशन काउंटर पर देखी गई लंबी कतारें
राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में इन दिनों भारी संख्या में लोग इलाज के लिए ओपीडी पहुंच रहे हैं।इसमें जनरल ओपीडी और सर्जरी वार्ड शामिल हैं।अस्पताल के पर्चा काउंटर पर जमा लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं।हजरतगंज स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में लोगों भी भारी भीड़ दिखी।ओपीडी में दिखाने के लिए लाइन में लगे लोगों में आपस में ही कहासुनी और नोकझोंक भी होते देखी गयी।
लखनऊ के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मंगलवार को उमड़ी भारी भीड़
ओपीडी में उमड़ रही भारी भीड़ –
कोरोना की दूसरी लहर जैसे ही कम हुई, वैसे ही लोगों ने दोबारा लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है।यह तब है जब कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका विशेषज्ञों ने पहले ही जता दी है।बावजूद इसके लोग भीड़ में शामिल हो जा रहे हैं।इस दौरान ज्यादातर भले ही मास्क लगाएं दिखे एक दूसरे से शारीरिक दूरी का पालन कही नही दिखा।सोमवार के बाद लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी सिविल अस्पताल के पर्चा काउंटर पर करीब 300 मरीज पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगे देखे गए।
भूले कोरोना से बचाव के प्रोटोकॉल –
लोकबंधु के सीएमएस डॉ अजय त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार को करीब 500 मरीज ओपीडी में देखे गए थे।मंगलवार को भी लगभग उतने ही मरीज आते दिख रहे है।भीड़ बढ़ी है पर सभी को कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर भी हिदायत दी जा रही है।परिसर में हालात अभी नियंत्रण में है।वही बलरामपुर अस्पताल में भी जनरल ओपीडी और सर्जरी शुरू हो गई है।यहां भी बड़ी संख्या में सर्जरी के बाद मरीज वार्ड में भर्ती हो रहे हैं।बलरामपुर अस्पताल में भी जनरल ओपीडी में भीड़ देखने को मिली।अस्पताल के डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि जनरल सर्जरी का काम बड़ी तेजी से चल रहा है।कोरोना और मरीजों की संख्या को देखते हुए 2 मरीजों के बीच में दूरी बनाने के लिए वार्ड की क्षमता से आधे मरीजों को ही भर्ती किया गया है।
सरकारी अस्पतालों में हो रही लापरवाही –
उधर, सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एसके नंदा बताते हैं कि कोरोना काल के बाद अब पांच-सात दिनों से ओपीडी में ज्यादा संख्या में मरीज आ रहे हैं। अस्पताल में भीड़ न हो, इसके लिए हर ओपीडी में औसतन 120 मरीजों को ही देखा जा रहा है।इस समय ज्यादा मरीज आ रहे हैं।
अस्पताल ओपीडी में मरीजों की संख्या –
सिविल अस्पताल 300 से अधिक,
बलरामपुर अस्पताल 350-400,
केजीएमयू 750,
लोहिया 500-600,
झलकारीबाई अस्पताल 250 प्रसूताएं,
लोकबंधु अस्पताल 450-500
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