लखनऊ। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार मे क्षय रोग उन्मूलन में धर्मगुरुओं का महत्वपूर्ण योगदान लिए जाने के उद्देश्य से बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल की अध्यक्षता में प्लान इंडिया के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग ने धर्मगुरु सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा- भारत मे 2025 तक टीबी को समाप्त करने का संकल्प लिया है। यह तभी संभव है कि जब लोग जागरूक हों, हमें समुदाय को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है ताकि वह क्षयरोग के लक्षण दिखने पर स्वयं जांच के लिए आगे आयें। इसमे धर्म गुरुओं की भूमिका बहुत अहम है क्योंकि इन पर समुदाय की आस्था है। अगर ये टीबी के प्रति समुदाय को जागरूक करेंगे तो लोगों को ज्यादा विश्वास होगा। ऐसे मे लोग बढ़-चढ़कर टीबी की जांच के लिए आगे आएंगे।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बैठक मे क्षय रोग के महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा उन्होंने बताया कि टीबी के मुख्य पांच लक्षण हैं दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना, बुखार आना, वजन में लगातार कमी आना, रात में पसीना आना और भूख न लगना। यदि इन लक्षणों को समय से पहचान लें तो नियमित इलाज से यह रोग पूर्णतया ठीक हो सकता है। उन्होंने टीबी मरीज को खाँसते समय मुंह पर कपड़ा व मास्क लगाने की सलाह दी।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा० ए.के चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी का इलाज पूरी तरह निशुल्क है साथ ही निश्चय योजना के तहत पोषण के लिए सरकार द्वारा 500 रूपये की धनराशि लाभार्थी के खाते में सीधे भेजी जाती है।
बैठक में विभिन्न धार्मिक संगठनों के लगभग 30 धर्मगुरु शामिल रहे। धर्म गुरुओं ने यह विश्वास दिलाया कि वह अपनी पूरी कोशिश करेंगे कि टीबी उन्मूलन मे वह अपना पूरा सहयोग दे सकें।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अभिलाषा मिश्रा, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के कर्मचारी और प्लान इंडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे।