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इलाहाबाद HC में 14 जुलाई से फिजिकल हियरिंग:हाईकोर्ट महानिबंधक आज जारी करेंगे फिजिकल सुनवाई से संबंधित गाइडलाइन

मुकदमों को ऑनलाइन सुने जाने और तकनीकी दिक्कतों और अधिवक्ताओं के यूज टू न होने से काफी समस्या आ रही थी। - Dainik Bhaskar

मुकदमों को ऑनलाइन सुने जाने और तकनीकी दिक्कतों और अधिवक्ताओं के यूज टू न होने से काफी समस्या आ रही थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 14 जुलाई 2021 से मुकदमों की खुली अदालत में सुनवाई का फैसला किया है। अभी तक मुकदमों की फिजिकल फाइलिंग की ही अनुमति मिली थी। अब फिजिकल सुनवाई शुरू होने से वकीलों और वादकारियों ने राहत की सांस ली है। इस आशय की लंबे समय से मांग की जा रही थी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल भी हाल ही में नवनियुक्त कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमएन भंडारी से मिलकर फिजिकल सुनवाई की मांग की थी, जिसपर उन्होंने जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया था।
अभी तक सुनवाई वर्चुअल ऑड-इवेन फार्मूले पर हो रही थी
हाईकोर्ट महानिबंधक शुक्रवार को फिजिकल सुनवाई से संबंधित गाइडलाइन जारी करेंगे। कोविड संक्रमण के चलते अभी तक मुकदमों की सुनवाई वर्चुअल ऑड-इवेन फार्मूले पर हो रही थी। कोरोना सुक्रमण बढ़ने के बाद हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल 2021 से मुकदमों की सुनवाई केवल ऑनलाइन मोड में करने का निर्णय लिया था। केवल 16 जजों की बेंच ही मुकदमों की ऑनलाइन सुनवाई कर रही थीं।

18 जून से शुरू हुई थी फिजिकल फाइलिंग
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिजिकल फाइलिंग में हो रही परेशानी को देखते हुए 18 जून 2021 को फिजिकल फाइलिंग का आदेश दिया था। इसके बाद अधिवक्ताओं ने मुकदमों की फिजिकल फाइलिंग शुरू कर दी थी। इससे वकीलों को काफी राहत मिली थी। तभी से फिजिकल हियरिंग की मांग ने भी जोर पकड़ लिया था।

वकीलों-याचियों को हो रही थी समस्या
सुनवाई वर्चुअल होने के चलते वकीलों को काफी परेशानियां हो रही थी। इन समस्याओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इलाहाबद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने यह जानकारी दी। हालांकि अभी इस मामले में हाईकोर्ट के महानिबंधक की ओर से आदेश शुक्रवार को जारी किया जाएगा।

फिजिकल हियरिंग की मांग को लेकर वकीलों ने चलाया था आंदोलन
हाईकोर्ट आर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रशासन अभिषेक शुक्ला के नेतृत्व में वकीलों ने फिजिकल हियरिंग की मांग को लेकर आंदोलन चलाया था। इसमें हाईकोर्ट के गेट नंबर तीन पर धरना-प्रदर्शन व प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया था। प्रदर्शन के बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी ज्ञापन सौंपकर खुली अदालत में सुनवाई की मांग की थी। कहा था कि इससे आम अधिवक्ताओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अधिवक्ता समाज आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है।

हाईकोर्ट पर बढ़ा तीन लाख मुकदमों का बोझ
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह कहते हैं कि मुकदमों को ऑनलाइन सुने जाने और तकनीकी दिक्कतों और अधिवक्ताओं के यूज टू न होने से काफी समस्या आ रही थी। जहां एक जज फिजिकल मुकदमों की सुनवाई 100 मुकदमें तक सुन लेता है ऑनलाइन मोड में 15 से 20 भी नहीं निस्तारित हो रहे हैं। इससे पेंडेंसी का कभी न उतरने वाला एक बड़ा बोझ तैयार हो रहा है। केवल कोविड पीरियड में तीन लाख मुकदमों का बोझ तैयार हो गया है। अब हाईकोर्ट में 10 लाख से अधिक मुकदमों की पेंडेंसी तैयार हो गई है।

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