एसएसपी प्रभाकर चौधरी के इस एक्शन की जिले में चर्चा है।
SSP प्रभाकर चौधरी ने मेरठ में अपने कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। बुधवार रात SSP ने एक साथ 75 पुलिसकर्मियों लाइन हाजिर कर दिया है। जिन पर कार्रवाई है, उनमें दो दरोगा, 35 कांस्टेबल और 38 हेड कांस्टेबल को यह लंबे समय से थानों में जमे थे। सभी थानेदारों के खास थे। इनकी गोपनीय ढंग से 10 दिन तक जांच कराई और उसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
10 दिन तक कराई गोपनीय जांच
SSP प्रभाकर चौधरी को 18 जून को मेरठ में तैनाती मिली। उसके बाद एसएसपी ने साफ शब्दों में कहा था कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। एसएसपी के जिले में आते ही थानाध्यक्ष और दरोगा जो अंडर ट्रांसफर थे उनमे खलबली मच गई। 7 थानाध्यक्ष मेरठ से चार्ज छोड़कर एसएसपी ने रिलीव कर दिए। अब एसएसपी ने अपना एक वॉट्सऐप नंबर जारी करते हुए कहा कि जो भी किसी भी पुलिसकर्मी की कोई भी भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत है तो वह इस नंबर पर शिकायत करें। जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। इसके बाद एसएसपी ने एक टीम गठित कर सभी 30 थानों के पुलिस कर्मियों की 10 दिन तक अपनी जांच कराई कि कौन पुलिसकर्मी कितने लंबे समय से तैनात है और उसकी क्या-क्या भूमिका शामिल है। जिसके बाद लाइन हाजिर किया है।
75 पुलिसकर्मियों की हर रोज की जाएगी मॉनिटरिंग
SSP ने लिखा है कि इन सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से थानों से रिलीव किया जाए और पुलिस लाइन के RI के लिए निर्देश दिए हैं कि इन सभी पुलिसकर्मियों की पुलिस लाइन में सुबह और शाम गणना की जाएगी। इनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। और जो कार्य करेंगे उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दिन में दो बार गणना होगी। और इनका यह कार्य मेडिकल या अन्य किसी भी प्रशिक्षण में जोड़ा नहीं जाएगा। सप्ताह में इनकी एसपी लाइन भी खुद मॉनिटरिंग करेंगे।
एसएसपी ने इन्हें किया लाइन हाजिर।
यह हैं चर्चित सिपाही
- कोतवाली थाने से हेड कांस्टेबल प्रशांत कुमार यह पिछले 10 साल से CO का गनर रहा। कुछ माह पहले ही CO अरविंद चौरसिया ने शिकायत मिलने पर हटाकर थाने भेजा। अवैध वसूली के आरोप लगे।
- लिसाड़ी गेट थाने में अमित कुमार, गयूर अली, मुबारक अली व योगेंद्र लंबे समय से जमे हुए थे। मुलजिम को लाना और सांठगांठ कर छोड़ना व तमाम आरोप लगे।
- Tp नगर थाने में ट्विंकल, आशु त्यागी की भी लंबे समय से शिकायत थी। कि यह थाने में मनमर्जी करते हैं और अवैध वसूली का आरोप लगे। आशु त्यागी पूर्व में STF मेरठ में रहा। जिसका मेरठ से ट्रांसफर किया गया। लेकिन बाद में सांठगांठ कर मेरठ में ही पोस्टिंग पाई।
- नौचंदी में हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार लंबे समय से तैनात था। जिस पर पूर्व में चोरी के वाहन छोड़ने के बदले पैसा लेने के आरोप लगे।
- कंकरखेड़ा में तैनात सिपाही निकुंज यादव मेरठ पुलिस का सबसे चर्चित सिपाही रहा है। जो पूर्व में परतापुर और नौचंदी थाने में इंस्पेक्टर तपेश्वर के साथ रहा। तपेश्वर सागर कंकरखेड़ा में इंस्पेक्टर है तो निकुंज ने भी सांठगांठ कर कंकरखेड़ा में पोस्टिंग करा ली थी।
- भावनपुर में सिपाही अजीत मलिक पर भी गंभीर आरोप थे। जिस पर मुलजिम को छोड़ना। इंस्पेक्टर का चहेता बनकर मनमर्जी से किसी को भी हवालात में बंद करना और फिर पैसे लेकर छोड़ने के आरोप लगे थे।
ये भी हुए हैं लाइनहाजिर
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