केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार के तहत जिन 43 नेताओं ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली उनमें से एक कौशल किशोर भी थे। कौशल किशोर उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से बीजेपी सांस हैं। अपने 30 सालों के राजनीतिक करियर में कौशल किशोर दो बार लोकसभा सांसद रहे हैं और वह साल 2003-04 में मुलायम सिंह की सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
कौशल किशोर का जन्म यूपी के बेगरिया गांव में ही सन् 1960 में हुआ था। 61 साल के हो चुके किशोर को हाल ही में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा का राज्य प्रमुख बनाया गया था। वह साल 2002 से 2007 तक उत्तर प्रदेश में विधायक भी रह चुके हैं।
खास बात यह है कि हाल ही में कौशल किशोर ने उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रबंधन ठीक न होने को लेकर योगी सरकार को निशाने पर लिया था। दरअसल, कौशल किशोर इसी साल अप्रैल में कोरोना की वजह से अपने भाई को खो दिया था। इसके बाद उन्होंने सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर दो सरकारी अस्पतालों में कुप्रंबधन पर सवाल खड़े किए थे।
किशोर पासी समुदाय से आते हैं। उनको अनुसूचित जातियों में गहरी पैठ वाला नेता माना जाता है।हालांकि, हाल ही में किशोर कौशल अपने बेटे आयुष और बहू अंकिता को लेकर विवादों में थे। दरअसल, कौशल किशोर के बेटे ने आरोप लगाया था कि लखनऊ में कुछ लोगों ने उनपर हमला कर दिया है। हालांकि, पुलिस ने इन दावों को गल बताया था।