यशपाल चौधरी और काजी रशीद मसूद का राजनीति में एक दूसरे से 36 का आंकड़ा रहा है।
उत्तर प्रदेश की सियासत में सहारनपुर का काजी परिवार एक अहम भूमिका में रहता है। आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश सहित जिले की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है। इमरान मसूद की बेटी और काजी रशीद मसूद के पौत्र शायान मसूद का निकाह तय हो गया है। काजी रशीद मसूद और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद के सुधरते रिश्ते इसका कारण बताया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस विधायकों के दिल की धड़कनें बढ़ना शुरू हो गई है।
दामाद को देहात से चुनाव लड़ा सकते हैं इमरान
राजनीति गलियारों में चर्चा है कि इमरान मसूद अपने दामाद शायान मसूद को 2022 में देहात क्षेत्र से चुनाव लड़ा सकते हैं। ऐसे में देहात क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूद विधायक मसूद अख्तर और इमरान के रिश्तों में काफी कड़वाहट देखने को मिल रही है। सोमवार को पुलिस लाइन में यह साफ देखने को मिला। कभी शायान मसूद को देखते ही गले लगाने वाले मसूद अख्तर उनसे कन्नी काटते दिखाई दिए।
बेहट कांग्रेस विधायक की भी भाजपा में जाने की चर्चा
राजनीति गलियारों में यह भी कानाफुसी हो रही है कि बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी भी सूबे के उप मुख्ममंत्री केशव प्रसाद मौर्य के संपर्क में है। यहां तक चर्चा है कि इमरान मसूद आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में अपने परिवार के किसी दूसरे सदस्य को चुनाव में उतार सकते हैं। ऐसे में विधायक नरेश सैनी अपना रास्ता खोजने में लगे हैं।
सपा में जा सकता है काजी परिवार
आगामी 2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व यानि अक्टूबर माह में राजनीतिक पार्टियों में काफी उत्थल-पुत्थल होने की उम्मीद जताई जा रही है। एक नेता ने बताया कि इमरान मसूद समाजवादी मुखिया अखिलेश यादव के संपर्क में लगातार बने हुए है। लगभग छह दिन पूर्व अखिलेश यादव ने इमरान मसूद को पार्टी में शामिल कराने का इशारा भी किया था।
सपा जिलाध्यक्ष भी असमंजस्य में
यशपाल चौधरी और काजी रशीद मसूद का राजनीति में एक दूसरे से 36 का आंकड़ा रहा है। अखिलेश यादव के इमरान मसूद पर मेहरबानी बरसने से चौधरी परिवार और सपा जिलाध्यक्ष रूद्रसैन कहीं न कहीं नाराज भी है। लेकिन आलाकमान का हुक्म तो बजाना ही होगा।
भाजपा को भी लग सकता है झटका
लखनऊ में बैठे भाजपा के मंत्री भारतीय जनता पार्टी छोड़ने की तैयारी में है। ऐसे में जिला सहारनपुर से एक और मंत्री उनके संपर्क में लगातार बने हुए है। राजनीति गलियारों में संभावना जताई जा रही है कि भाजपा के मौजूदा मंत्री और पूर्व मे बसपा को झटका देने वाला यह मंत्री फिर से पार्टी बदल सकता है।
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