EKPAHEL.IN (लखनऊ)। “अब की दीवाली देसी वाली” के संकल्प को पूरा करने वाली योगी सरकार के प्रयास जमीनी स्तर पर रंग ला रहे हैं। दीपावली को ध्यान में रखते हुए बुधवार को माटी कला मेले का उद्घाटन किया गया। माटी कला बोर्ड की ओर से इस बार माटी कला मेले में 100 स्टॉलों को लगाया गया है। गोमतीनगर के संगीत नाटक अकादमी में माटी कला उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारंभ एमएसएमई और खादी ग्रामोद्योग के राज्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने किया। इस अवसर पर 100 शिल्पकारों को इलेक्ट्रानिक चॉक का वितरण किया गया। जिसको पाकर शिल्पकारों के चेहरे खुशी से खिल उठे। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार माइक्रो माअी कला कॉमन सेंटर शुरू करेगी जिससे सीधे तौर पर शिलपकारों को लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि यह दूसरी कड़ी है जब माटी कला मेले का आयोजन किया जा रहा है। पिछली बार लगभग एक करोड़ 60 लाख की बिक्री माटी कला मेले में हुई थी आज इन शिल्पकारों को प्रदेश सरकार की ओर से प्रोत्साहन के संग रोजगार भी दिया जा रहा है।कार्यक्रम में राजन प्रजापति को प्रथम पुरस्कार, शोभित को द्वितीय और श्री हरिराम को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा माटी कला रोजगार ऋण के तहत शिल्पकारों को ऋण प्रमाणपत्र और टूल किट प्रमाण पत्रों का भी वितरण किया गया। बता दें कि यह अपने आप में पहली बार किया जाने वाला एक अनूठा आयोजन है जहां पूरे प्रदेश के माटी कला के परंपरागत कारीगर, शिल्पकार जिसमें हिस्सा ले रहे हैं। एसएनए के लॉन में आयोजित इस प्रदर्शनी में 100 स्टॉल बगाए गए हैं। यह प्रदर्शनी 03 नवंबर तक चलेगी। जिसमें प्रदेश के अलग-अलग जिलों से शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं।
दीवाली को ध्याान में रखते हुए इस बार मिट्टी के सभी उत्पाद लोगों की अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। माटी कला बोर्ड द्वारा शानदार मिट्टी के उत्पाद, गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति, दीए, झालर और अन्य सजावटी सामानों समेत दूसरी कई बेहतरीन उत्पाद इस बार दीवाली को और भी खास बनाएंगें। पिछले साढ़े चार सालों में चीन के उत्पादों की चमक फीकी पड़ गई है। इस बार भी स्वदेसी उत्पादों के बोलबाले के कारण दीवाली पर चीन के उत्पादों की चमक फीकी नजर आएगी।
शिल्पकारों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का हो रहा आयोजन
माटी कला के वरिष्ठ प्रबंधक ललित सक्सेना ने बताया कि शिल्पकारों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। संत गाडगे ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाली इस प्रदर्शनी में विशेषज्ञ शिल्पकारों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही मशीनों, उपकरणों और गैस भट्टी का क्रियात्मकम प्रदर्शन भी किया जा रहा है।