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2023 तक मेरठ में दौड़ेगी रैपिड रेल:2022 में साहिबाबाद तक शुरू हो जाएगा संचालन, लोकसभा चुनाव में रैपिड रेल को चुनावी सौगात बनाकर पेश करेगी सरकार

रैपिड रेल स्टेशन का निरीक्षण करते सचिव व सांसद राजेंद्र अग्रवाल - Dainik Bhaskar

रैपिड रेल स्टेशन का निरीक्षण करते सचिव व सांसद राजेंद्र अग्रवाल

दिल्ली- मेरठ के बीच 2023 में रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा। भाजपा सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव में रैपिड रेल को चुनावी सौगात बनाकर जनता के सामने पेश करने की तैयारी कर चुकी है। इसलिए सरकार रैपिड के काम को तेजी से खत्म कराने पर जोर दे रही है। एनसीआरटीसी ने 2024 अंत तक रैपिड रेल का काम खत्म करने का समय मांगा था।

केंद्र सरकार ने 2023 तक काम फिनिश करने को कहा है। 2022 तक साहिबाबाद से दुहाई और 2023 में मेरठ तक रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा। शनिवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव व एनसीआरटीसी के चेयरमैन दुर्गा शंकर मिश्र रैपिड रेल के निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए मेरठ पहुंचे। सरायकाले खां से लेकर मेरठ तक उन्होंने 82 किमी लंबे कॉरिडोर का निरीक्षण भी किया।

2023 तक है संचालन का लक्ष्य
मंत्रालय सचिव ने सराय काले खां से लेकर मेरठ भैंसाली बस अड्‌डे तक रैपिड रेल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया है। मेरठ परतापुर के मेरठ साउथ स्टेशन को देखा, एलिवेटेड ट्रेक को भी देखा अंत में भैंसाली बस अड्‌डे पर बनने वाले अंडरग्राउंड स्टेशन पर पहुंचे।

यहां उन्होंने सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कमिश्नर सुरेंद्र सिंह के साथ वर्किंग साइट को चैक किया। सचिव ने कहा दिसंबर 2022 में हम ट्रेन का संचालन शुरू कर देंगे हमारा लक्ष्य 2023 में ट्रेन को मेरठ में पहुंचाना है। भारत के प्रथम रीजनल ट्रांजिट सिस्टम के पहले कॉरिडोर पर दुहाई से साहिबाबाद के बीच 17 किलोमीटर हिस्से में रैपिड रेल दौड़ेगी। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा 2023 में रैपिड मेरठ में आ जाएगी।

ट्रेन में होगी ये सभी सुविधाएं
रैपिड ट्रेन में बिजनेस क्लास कोच होगा। जिसमें फूड डिस्पेंडिंग मशीन भी लगी होगी। आरआरटीएस ट्रेनों में टू बाई टू ट्रांसवर्ग आरामदायक सीटें, यात्रियों के पैर रखने के लिए पर्याप्त जगह, खड़े होकर यात्रा कर रहे लोगों के आरामदायक सफर के लिए दोनों तरफ की सीटों के बीच में पर्याप्त जगह, सामान रखने का रैक, मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, वाई-फाई की सुविधा होगी। ऑटामेटिक डोर होंगे जो सेफ्टी वॉल्व के साथ काम करेंगे। स्टेनलेस स्टील से बनी ये एयरो-डायनामिक ट्रेन हल्के होने के साथ पूरी तरह से एयरकंडीशन होंगी। हर कोच में एंट्री व एक्जिट के लिए प्लग इन प्रकार के छह ऑटोमेटिक गेट होंगे। जबकि बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार गेट होंगे।

ऊर्जा की कम खपत का मॉडल
आरआरटीएस ट्रेन का डिजाइन नई दिल्ली के लोटस टैंपल से प्रेरित है। लोटस टैंपल एक ऊर्जा-कुशल इमारत का प्रतीक है, क्योंकि इसका डिज़ाइन प्रकाश और वायु के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखता है। इसी तरह आरआरटीएस ट्रेन में भी ऐसी प्रकाश और तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी जो ऊर्जा के कम खपत के बावजूद यात्रियों को आरामदायक अनुभव देगी।

दिल्ली से मेरठ तक 24 स्टेशन पर तेजी से चल रहा काम
दिल्ली से चलकर गाजियाबाद से मेरठ आने वाली रैपिड रेल के 24 स्टेशन हैं। मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर स्थानीय परिवहन सेवाएं भी मिलेंगी। इसके लिए 21 किमी की दूरी में 13 स्टेशन बनेंगे। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर दो डिपो स्टेशनों सहित 24 स्टेशन होंगे।

इसमें सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रहमपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली बस अड्‌डा, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली मेट्रो, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो शामिल हैं। एनसीआरटीसी ने रैपिड के हर स्टेशन की गूगल मैप के साथ लोकेशन दी है। स्टेशनों के बीच की दूरी के साथ उनकी लोकेशन और नाम का डिस्प्ले है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ेंगे रैपिड के स्टेशन
आरआरटीएस स्टेशनों को हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, अंतरराज्यीय बस टर्मिनस (आईएबीसटी), दिल्ली मेट्रो स्टेशनों जैसे परिवहन के विभिन्न साधनों के साथ जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में सुविधा मिलेगी। फेज-1 के सभी 3 कॉरिडोर सराय काले खां में मिलेंगे और इंटरऑपरेबल होंगे, जिससे यात्रियों को बिना ट्रेन बदले एक से दूसरे कॉरिडोर तक यात्रा करने में मदद मिलेगी।

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