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कानपुर में हुआ था UP का पहला कुकर बम विस्फोट:मोस्ट सेंसटिव जिलों की लिस्ट में रखा गया कानपुर; दो दशक पहले यहां बम विस्फोट के बाद दिल्ली-बनारस में हुए थे कायराना हमले

14 अगस्त 2000 को आर्यनगर चौराहे पर किया गया था। आतंकियों ने मौरंग के ढेर में दबा कर प्रेशर कुकर बम विस्फोट किया था। इसमं कोई जनहानि नहीं हुई थी। - Dainik Bhaskar

14 अगस्त 2000 को आर्यनगर चौराहे पर किया गया था। आतंकियों ने मौरंग के ढेर में दबा कर प्रेशर कुकर बम विस्फोट किया था। इसमं कोई जनहानि नहीं हुई थी।

लखनऊ में अलकायदा से जुड़े अन्सार गजवातुल हिंद (AGH) के दो आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां प्रदेशभर में अलर्ट हैं। कारण इनके गिरोह में लखनऊ, कानपुर के कई दूसरे लोग भी शामिल हैं। कानपुर को मोस्ट सेंसटिव जिलों की लिस्ट में रखा गया है।

एटीएस ने रविवार की रात कानपुर में ताबड़तोड़ दबिश दी है। प्रदेश का पहला आतंकी विस्फोट 14 अगस्त 2000 को आर्यनगर चौराहे पर किया गया था। आतंकियों ने मौरंग के ढेर में दबा कर प्रेशर कुकर बम विस्फोट किया था। इसमं कोई जनहानि नहीं हुई थी। लेकिन पूरा शहर दहल उठा था।

इसी के बाद दिल्ली और बनारस में संकट मोचन हनुमान मंदिर में आतंकियों ने विस्फोट कर कई लोगो की हत्या कर दी थी। उसके बाद से देश मे होने वाली कई आतंकी घटनाओं में कानपुर से दहशतगर्द पकड़े गये।

आतंकियों के लिए आसान होता है कुकर बम से टारगेट करना

एटीएस सूत्रों की माने तो प्रेशर कुकर में बम का असेंबल करना बहुत आसान है। इसमें कम समय लगता है। इसे ले जाना आसान होता है। आम तौर पर आतंक से जुड़े लोगों के साथ रहने वाली महिलाएं इसे रिपेयर कराने के लिए ले जाती हैं। बारूद व कनेक्टर लेकर आतंकी जाते हैं। मौके पर पहुंच कर दस मिनट में कुकर बम तैयार कर दिया जाता है। इसका कनेक्शन लिड रबर और सीटी के साथ रखा जाता है। इसे आसानी से प्लेस करने के लिए आतंक से जुड़े लोग स्लीपिंग माड्यूल्स का इस्तेमाल करते हैं। बनाते समय फटने का खतरा कम होता है। इस लिए इसका इस्तेमाल सेफ माना जाता है।

दो दशक से आतंकियों की दहशत में औद्योगिक राजधानी

कानपुर को यूपी के अतिसंवेदनशील जिलों की लिस्ट में रखा गया है। तीन साल पहले ही एटीएस पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य कमरुज्जमा उर्फ कमरुद्दीन को अरेस्ट कर चुकी है। वहीं 2017 में लखनऊ में एनकाउंटर में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह का घर भी कानपुर के जाजमऊ में है।

कानपुर में अब तक पकड़े गए आतंकी

14 अगस्त 2000: आर्यनगर में पहला कुकर बम धमाका हुआ था।
11 सितंबर 2009: आइएसआइ एजेंट इम्तियाज सचेंडी से गिरफ्तार।

27 सितंबर 2009: बिठूर से आइएसआइ एजेंट वकास की गिरफ्तारी।
18 सितंबर 2011: रांची निवासी आइएसआइ एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को जासूसी आरोप में रेलबाजार से किया गिरफ्तार।

जुलाई 2012: सेंट्रल स्टेशन से फिरोज नाम के संदिग्ध की गिरफ्तारी।

अप्रैल 2014: पटना में विस्फोट करने वाले एक संदिग्ध को पनकी स्टेशन के पास से एटीएस ने पकड़ा।

मार्च 2017: भोपाल में ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले आतंकी गिरोह खुरासान मॉड्यूल के तीन आतंकी गिरफ्तार।

14 सितंबर 2018: एटीएस और कानपुर पुलिस पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य कमरुज्जमा उर्फ कमरुद्दीन को अरेस्ट किया था।

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