लखनऊ। एक्सीलिया स्कूल स्थित गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी में भारतीय टीम के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी टोक्यो पैरालम्पिक के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। टोक्यो में तिरंगा लहराये और हिन्दुस्तान की झोली में अधिक से अधिक पदक आये, इसके लिए खिलाड़ी सुबह से शाम तक विभिन्न सत्रों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
अब तक पांच खिलाड़ी 25 अगस्त से 5 सितम्बर के बीच टोक्यो में आयोजित होने वाले पैरा ओलंपिक के लिए अपना टिकट पक्का कर चुके हैं। जिसमें राजस्थान के कृष्णा नागर, ओडीशा के प्रमोद भगत, हरियाणा के तरुण ढिल्लन, पंजाब की पलक कोहली और गुजरात की पारुल परमार शामिल हैं। ये खिलाड़ी विभिन्न वर्गों में एकल और युगल में पदक के लिए भारत की ओर से दावेदारी पेश करेंगे।
भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम के कोच गौरव खन्ना जिनकी देखरेख में इन खिलाड़ियों ने सफलता की नर्इ इबारत लिखी है, अभी और खिलाड़ियों के चयन की बाट जोह रहे हैं। टोक्यो पैरा ओलंपिक के लिए अब तक चयनित हो चुके बैडमिंटन खिलाड़ियों को भी उम्मीद है कि अभी उनके कर्इ और साथी टोक्यो में दमखम दिखाने उतरेंगे। अपने वर्ग में विश्व में नंबर एक स्थान रखने वाले प्रमोद भगत कहते हैं अभी तो कर्इ और खिलाड़ी टोक्यो के लिए उड़ान भरेंगे। प्रमोद कहते हैं हमारी टीम जितनी शानदार होगी, पदक जीतने के हमारे लिए मौके उतने ही अधिक होंगे।
कोच गौरव खन्ना कहते हैं कि इन खिलाड़ियों के साथ काम करना बड़े गर्व की बात है। हमें अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने के लिए ट्रेनिंग में कर्इ बार काफी सख्ती भी बरतनी पड़ती है, मगर सभी खिलाड़ी पूरे जी−जान से मेहनत करते हैं। पैरा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए एक स्थायी जगह मिल गर्इ है, इसके लिए वह एक्सीलिया स्कूल के डायरेक्टर आशीष पाठक का शुक्रिया अदा करते हैं, जिनके प्रयास से गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन एकेडमी का सपना साकार हो पाया। जहां पैरा खिलाड़ी अपने आपको और अधिक निखार पा रहे हैं।
वहीं एक्सीलिया स्कूल के डायरेक्टर आशीष पाठक एकेडमी और खिलाड़ियों की सफलता का श्रेय कोच गौरव खन्ना को देते हैं। उनके अनुसार गौरव जिस प्रकार इन पैरा खिलाड़ियों के साथ मेहनत करते हैं, ये बेहद काबिलेतारीफ है। साथ ही ये खिलाड़ी जिस जुझारूपन से प्रशिक्षण करते हैं, यह हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
आशीष कहते हैं, दरअसल एक्सीलिया स्कूल के चेयरमैन श्री डीएस पाठक जो उनके पिता भी हैं, सही मायने में समस्त स्कूल प्रबंधन के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। वह हमेशा कहते भी हैं कि अच्छी नीयत और बेहतर सोच के साथ शुरू किए गए काम की सफलता का आनंद कुछ और ही होता है।