मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को रत्नागिरी पुलिस ने उनके बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान रायगढ़ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान के बाद गिरफ्तार कर लिया है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से दी है। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में भी उन्हें झटका लग चुका है, जब कोर्ट ने एफआईआर खारिज करने की मांग वाली राणे की याचिका पर अर्जेंट सुनवाई से इनकार कर दिया।
बीजेपी नेता प्रमोद जठार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि रत्नागिरी के एसपी नारायण राणे को बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के गिरफ्तार करने संगमेश्वर पहुंचे। भाजपा नेता के मुताबिक, रत्नागिरी के एसपी का कहना था कि उन पर गिरफ्तारी का जबरदस्त दबाव है और उन्हें 5 मिनट में राणे को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता अनिकेत निकम ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की सुनवाई के लिए याचिका दायर की जिसपर न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है और याचिका कर्ता अधिवक्ता निकम को अदालत जाने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है। नासिक, पुणे और महाड थाने में दर्ज तीन प्राथमिकी को रद्द करने के लिए भी आवेदन दिया गया है। कोर्ट ने रद्द करने की याचिका पर भी सुनवाई नहीं की है।
एक चैनल से बात करते हुए अधिवक्ता अनिकेत निकम ने कहा, “कोई भी अपराध जिसमें 7 साल से कम की सजा हो, ऐसे मामलों में पुलिस को सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी करना पड़ता है जो जारी नहीं किया गया था। संगमेश्वर पुलिस द्वारा कार्रवाई गलत है, अवैध है।
क्या है विवादित बयान?
केंद्रीय मंत्री राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कथित तौर पर कहा, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’
राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आज़ादी को कितने साल पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं।