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उप्र एटीएस ने कानपुर में आतंकी संगठन से जुड़े कई संदिग्धों को उठाया

कानपुर, 12 जुलाई (हि.स.)। उप्र में लखनऊ के बाद आतंकी साजिश में एक बार फिर कानपुर का नाम सामने आया है। पहली बार यहां आतंकी संगठन अलकायदा की सक्रियता के सबूत भी मिले हैं। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (यूपी एटीएस) को लखनऊ में पकड़े गए आतंकवादियों से पूछताछ के दौरान कानपुर में गिरोह के कई सक्रिय सदस्य मौजूद होने की जानकारी मिली है। इसके बाद से एटीएस की कई टीमों ने कानपुर में डेरा डाल दिया है। एटीएस ने देर रात घनी आबादी वाले संवेदनशील इलाकों में छापेमारी करके दो से तीन संदिग्धों को उठाया भी है।

लखनऊ में पकड़े आतंकियों के फरार साथियों की तलाश में एटीएस प्रदेश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर रही है। एटीएस को लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के बाद कानपुर में भी कुछ सक्रिय सदस्यों के होने की जानकारी मिली। इस पर उप्र एटीएस की लखनऊ व कानपुर इकाई की टीमों ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में डेरा डाल दिया। इस दौरान देर रात टीम ने जाजमऊ और बेकनगंज क्षेत्र से दो या तीन संदिग्ध को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। हिरासत में लिए गए संदिग्ध प्रदेश में शांति व सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे और जल्द ही कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले थे।

जनपद में हाई अलर्ट, वाहनों व संदिग्धों पर पैनी नजर

पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों को देखते हुए कानपुर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। एहतियातन रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, बाजारों और भीडभाड़ वाले स्थानों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस देर रात तक रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर चेकिंग करती रही। चेकिंग में विशेषकर बैग, झोले आदि की तलाशी ली जा रही। जिले के सभी डीसीपी को अपने-अपने क्षेत्रों में अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार सुबह भी सभी एसीपी व थानेदार अपने-अपने इलाकों में मुस्तैदी से चेकिंग करते दिखे।

संवेदनशील इलाकों में आने वालों की जुटाई जा रही कुंडली

आतंकियों के शहर में छिपे होने की सूचना पर एलआईयू के साथ खुफिया एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी है। संवेदनशील इलाकों में हाल में बाहर से आए लोगों के बारे में जानकारी जुटाते हुए उनकी गतिविधियों का भी पता लगाया जा रहा है। इससे पहले भी उप्र में जब भी आतंकी साजिश रचने के मामले में आतंकवादी संगठनों के सदस्य पकड़े या कार्रवाई में मारे गए हैं, उनमें कानपुर का कनेक्शन जुड़कर सामने आया है। जनपद के जाजमऊ में तो कई आतंकी सदस्यों के छुपकर रहने व साजिश रचने की बात सामने आती रही है। इनमें सैफुल्लाह का नाम सबसे ऊपर है।

कानपुर के रक्षा संस्थानों की हुई थी रेकी

सूत्रों का यह भी कहना है कि लखनऊ में पकड़े गए आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरूद्दीन उर्फ मुशीर ने कानपुर आकर रक्षा संस्थानों की रेकी भी की थी। इस दौरान करीब आधा दर्जन लोगों ने उनकी मदद की। यहां तक कि इस दौरान उन्होंने जिस मोबाइल व सिम का प्रयोग किया, वह स्थानीय स्तर से ही मुहैया कराए गए थे। बताया जा रहा है कि मोबाइल का इंतजाम पेचबाग निवासी युवक ने किया था। इन्होंने नई सड़क निवासी अपने एक साथी के साथ मीटिंग भी की। इस दौरान कानपुर वाले साथी ने यहां के कई लोगों से उनकी मुलाकात कराई थी। हालांकि एटीएस अधिकारी इन सभी बातों को परहेज करते हुए जांच के बाद ही खुलासा करने की बात कह रहे हैं।

रक्षा प्रतिष्ठान की बढ़ाई गयी सुरक्षा

लखनऊ में पकड़े गए आतंकवादियों से पूछताछ में कानपुर में भी गिरोह के कई सदस्य छिपे होने की बात सामने आने के बाद सबसे पहले भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। इसके अलावा एटीएस के इनपुट पर उन लोगों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है, जो यहां छिपे हुए हैं। इसके अलावा रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार

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