विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) के मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार 2021-2030 तक के लिए नई जनसंख्या नीति (New Population Policy) की घोषणा करने वाली है. नई नीति से जनसंख्या नियंत्रण करने में मदद मिलेगी. नीति में जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) करने वालों को प्रोत्साहित करने के भी प्रावधान रखे गए हैं. ये नीति ऐसे समय में आ रही है, जब राज्य में अगल साल विधानसभा चुनाव है.
वहीं विपक्ष ने इसपर राज्य सरकार की आलोचना की है. विपक्ष कगा कहना है कि उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. जनसंख्या नियंत्रण को र एलेकक मसौदा यूपी सरकार की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. इसमें लोगों से 19 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं. अगर ये अधिनियमित हो जाता है तो ये प्रस्तावित कानून गजट में प्रकाशित किए जाने के एक साल बाद लागू हो जाएगा.
नवजात शिशुओं और मातृ मृत्यु दर कम करने पर फोकस
यूपी की आबादी अभी 22 करोड़ है. आज सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-30 का विमोचन करेंगे. साथ ही जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की गतिविधियों की भी शुरुआत की जाएगी. नई जनसंख्या नीति में एक फोकस नवजात शिशुओं और मातृ मृत्यु दर कम करना भी है.
इन समस्याओं पर भी दिया गया है ध्यान
नई नीति के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाएगा. वहीं सुरक्षिक गर्भपात की समुचित व्यवस्था की जाएगी. इसी के साथ उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के जरिए नवजात और मातृ मृत्यु दर को कम करने के साथ-साथ नपुंसकता और बांझपन की समस्याओं के लिए सुलभ समाधान उपलब्ध कराने पर भी फोकस किया जाएगा.
किशोर और बुजुर्गों दोनों को मिलेगा फायदा
वहीं इस नई नीति में 11 से 19 साल के किशोरों पोषण, शिक्षा और स्वास्तय के बेहतर प्रबंधन का भी प्रवाधान होगा. वहीं बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था की जाएगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आबादी बढ़ना गरीबी और अशिक्षा का एक बड़ा कारक है. वहीं प्रदेश की पिछली जनसंख्या नीति 2016 में खत्म हो चुकी है.