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कोरोना काल में कहां गायब थी प्रियंका और उनकी कांग्रेस? : सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ। डेढ़ साल बाद शुक्रवार को लखनऊ पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कोरोना महामारी को लेकर किए ट्वीट के चलते विवादों में घिर गई। हुआ यह कि प्रियंका गांधी ने हर दिन की तरह सुबह एक ट्वीट किया। इसमें प्रियंका गांधी ने कोरोना से निपटने के लिए यूपी सरकार के किए गए प्रयासों की प्रधानमंत्री द्वारा की गई सराहना को लेकर सवाल उठाया था। इस ट्वीट को जारी करने के बाद वह दिल्ली से लखनऊ आ गई। लंबे समय बाद लखनऊ आने पर कांग्रेसी नेताओं ने कोरोना प्रोटोकाल को जमकर अनदेखी करते हुए प्रियंका गांधी का स्वागत किया। कोरोना प्रोटोकाल की अनदेखी करने वालों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी शामिल थे, वह बिना मास्क पहने हुए गांधी प्रतिमा के सामने प्रियंका गांधी के साथ बैठे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रियंका गांधी को आड़े हाथों लिया।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह के संज्ञान में यह मामले आया। तो उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी हो या प्रदेश कांग्रेस ने अन्य जिम्मेदार नेता इन लोगों के कोरोना संकट के दौरा किसी भी एक कोरोना पीड़ित की मदद नहीं की। घर में बैठकर कांग्रेस नेताओं ने सिर्फ बयान जारी किए और सरकार की आलोचना करने वाले ट्वीट किए। अब तो घर में बैठकर सबसे ज्यादा ट्वीट तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ही कर रही हैं। हर दिन आँख खुलने के थोड़ी देर बाद प्रियंका गांधी का ट्वीट जारी हो जाता है। उनके रोज जारी होने वाले ट्वीट को लेकर अब उन्हें ”ट्वीट वाली नेता” तक लोग कहने लगें हैं।

सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं लोगों का प्रियंका गांधी के बारे में किया गया यह आंकलन उन्हें सही लगता है। सिद्धार्थनाथ सिंह के अनुसार जो नेता यूपी की राजनीति करते हुए पार्टी को मजबूत करने की बात करता हो, डेढ़ साल से लखनऊ ना आया हो और रोज ट्वीट कर सरकार द्वारा जनता की भलाई के लिए किए गए कार्यो में मीन-मेख निकलते हुए सिर्फ ट्वीट करता हो, उनकी छवि ट्वीट करने वाले नेता की ही बनेगी। अब कांग्रेस में ऐसे नेताओं की भरमार हो गई है, जिसके चलते ही कांग्रेस से लोगों का देश भर में दूरी बना ली हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता का वाजिब सवाल है कि कोरोना काल में वह कहां गायब थीं जबकि योगी सरकार हर संभव प्रयत्न करके लोगों को राहत दे रही थी।

सिद्धार्थनाथ सिंह कहते है कि कांग्रेस नेताओं की कथनी और करनी में फर्क होता। देश की जनता ने शुक्रवार को फिर कांग्रेस नेताओं की कथनी करनी के फर्क को देखा और महसूस किया कि कैसे प्रियंका गांधी ने कोरोना संक्रमण की आड़ लेकर प्रदेश सरकार पर अनर्गल आरोप लगाया, सवाल उठाया और उसके कुछ घंटे बाद भी कोरोना प्रोटोकाल की अनदेखी उनके कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की। ऐसे लोगों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए कहने के बजाए उनके साथ में प्रियंका गांधी ने फोटो खिचवाई। प्रियंका गांधी को कोरोना का प्रोटोकाल ना पालने करने वाले पार्टी के जिम्मेदार नेताओं को टोकना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योकि उन्हें तो सिर्फ दूसरों पर आरोप लगाने की आदत है। इसी लिए कांग्रेस शासन वाले राज्यों की कमियों पर वह सवाल नहीं उठाती, ट्वीट नहीं करती। प्रियंका गांधी को बताना चाहिए कांग्रेस शासन वाले राज्यों की कमियों पर वह क्यों चुप्पी साध लेती हैं?

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रियंका गांधी पर कटाक्ष किया कि जरा वह बताएं कि  जिला पंचायत में कांग्रेस के कितने प्रत्याशी जीते। मेरे समझ में नहीं आता है कि जहां कांग्रेस जीरो है वहां तो वह इतना ध्यान दे रही हैं लेकिन राजस्थान जैसे प्रदेश का हाल भी देख लें जहां कोविड का इतना बुरा हाल है।

सिंह ने कहा कि प्रियंका माफिया मुख्तार अंसारी से कांग्रेस के रिश्तों का भी खुलासा कर दें। मुख्तार को बचाने के लिए कांग्रेस ने क्या कया नही किया यह असामान्य है।

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