
बाराबंकी। जिले में करीब साढ़े 6 साल पहले हुई हत्या के मामले में अदालत ने 10 नामजद आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसके साथ ही अदालत ने सभी दोषियों को उम्र कैद और 61 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 4 कमल कांत श्रीवास्तव ने सुनाया है।
अधिवक्ता अमित अवस्थी और मथुरा प्रसाद वर्मा ने अदालत को बताया कि जैदपुर थाना क्षेत्र के टिकरा मुर्तुजा गांव निवासी कमरुद्दीन उर्फ कमरू 5 मार्च 2015 को होली की पूर्व संध्या पर गांव में ही स्थित ससुराल से अपनी पत्नी बुशरा और ढाई माह के बच्चे को लेकर अपने घर लौट रहा था। इसी दौरान गांव में ही पुरानी मस्जिद के पास रास्ते में यूसुफ के मकान के सामने इजहार, मोहम्मद अहमद, सिराज, इसराक,मो. जैद, मो. रिजवान, एहतिशाम, मो. मोफीत, मो. इमरान और मो. इसराक ने कमरुद्दीन को जबरन रोक लिया. इसके बाद इजहार के ललकारने पर अभियुक्तों ने गालियां देते हुए चाकू और छूरी से कमरूद्दीन पर जानलेवा हमला किया।
कमरू जान बचाकर भागने लगा तो अभियुक्त इजहार ने कट्टे से उस पर फायर कर दिया। जिससे गोली लगने से कमरू गिर पड़ा। मौके पर शोर सुनकर कमरू का भाई अंसार आ गए और बचाने की कोशिश की तो अभियुक्तों ने उन पर भी फायर किया और फरार हो गए। अंसार ने पुलिस को सूचना दी और घायल कमरू को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

विवेचना के दौरान 4 लोगों के नाम और प्रकाश में आये थे, जिसमें से एक अभियुक्त अज्जन उर्फ मिस्बाहुर्रह्मान जो घटना के समय जिला कारागार लखनऊ में एक अन्य मुकदमे में जेल में बंद था। विवेचना के दौरान पाया गया कि अभियुक्त अज्जन ने भी कमरुद्दीन उर्फ कमरू की हत्या करने की योजना अन्य अभियुक्तगणों के साथ बनाई थी।
इस मामले में अभियोजन ने पर्याप्त गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्षो के गवाहों और बहस को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर 4 कमल कांत श्रीवास्तव ने मो. एहतिशाम, मो. इजहार, मो. इसराक, मो. जैद, मो. इमरान, मो. मोफीत, मो. रिजवान, मो. सिराज, मो. अहमद और मो. इसराक को आजीवन कारावास और 61 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. जबकि अभियुक्त अज्जन को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। बता दें कि अभियुक्त रंजिश रखते थे कि कमरू मार्फीन की तस्करी करने वालों की पुलिस से मुखबिरी करता है। इसके अलावा ग्राम प्रधानी को लेकर भी अभियुक्त रंजिश रखते थे।