लखनऊ। जाने माने कॉमेडियन एवं अभिनेता राजू श्रीवास्तव ने PETA इंडिया केे साथ बनाए गए एक वीडियो में घोड़ों के साथ हो रहे दुव्यवहार पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और एक संदेश जारी किया है। संदेश में राजू ने कहा कि
“घोड़ों के साथ क्रूरता कोई हँसी मज़ाक नहीं है”
राजू श्रीवास्तव का यह वीडियो शादी विवाह में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों के मूंह में पहनायी जाने वाली क्रूर काँटेदार लगाम के बारे में हैं । ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया’ के साथ मिलकर बनाए गए इस वीडियो में समारोहों में इस्तेमाल होने वाले शोषित घोड़ों पर बड़े पैमाने पर अवैध कांटेदार लगाम के बारे में बताया गया है।
एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा अनुमेय बिट्स और जब्त किए गए अवैध नुकीले बिट्स के बीच अंतर दिखाते हुए।
यह वीडियो, लखनऊ शहर में PETA इंडिया के सहयोग से लखनऊ पुलिस द्वारा चलाये गए उस अभियान के बाद आया है जिसमें 70 घोड़ा मालिकों से घोड़ों पर इस्तेमाल होने वाली कांटेदार लगाम जब्त की गई थी। वीडियो के अंत में जनता को एक मजबूत संदेश देते हुए कहा गया है कि आप जब भी किसी घोड़े के मूंह में कांटेदार लगाम देखें तो उस घोड़े की पीड़ा को कम करने के लिए तत्काल स्थानीय अधिकारियों के पास इसकी शिकायत दर्ज करवाएं ।
राजू श्रीवास्तव कहते हैं- “हम लोग शादी विवाह समारोह में नाचने गाने में मस्त रहते हैं लेकिन वहीं इस कांटेदार लगाम से घोड़े का मूंह छलनी हो जाता हैं और खून भी बहने लगता है। जब भी आप किसी घोड़े या फिर किसी बैल के मूंह में यह कांटेदार लगाम देखें तो तुरंत कार्रवाई करें और स्थानीय अधिकारियों के पास इसकी शिकायत दर्ज करवाएं।”
PETA इंडिया के ‘सेलिब्रिटी एंड पब्लिक रिलेशन डायरेक्टर’ सचिन बंगेरा कहते हैं- “कांटेदार लगाम एक क्रूर उपकरण है जिसे शादी विवाह में इस्तेमाल होने वाले घोड़े को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इस लगाम से उनका मुंह छिल जाता है और जीवन भर के लिए क्षतिग्रस्त हो जाता है। लखनऊ पुलिस एवं अपर पुलिस उपायुक्त श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा, बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रही इस अवैध कांटेदार लगाम के खिलाफ कड़े कदम उठा रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई और समाज को संदेश के लिए PETA इंडिया श्री राजू श्रीवास्तव और लखनऊ पुलिस का आभारी है।“
एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा अनुमेय बिट्स और जब्त किए गए अवैध नुकीले बिट्स के बीच अंतर दिखाते हुए।
“पशु क्रूरता अधिनियम ड्रॉट एंड पैक एनिमल्स रूल 1966” के नियम 8 के तहत इस तरह की लगाम का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 38 की धारा 1960 (3) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो कांटेदार लगाम का उपयोग करके इस कानून के नियमों का उलंघन करता तो वह सजा का हकदार होगा, जिसमें जेल की सजा भी शामिल हो सकती है। वर्ष 2014 में, भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’द्वारा एक परामर्श जारी कर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कांटेदार लगाम के निर्माण, व्यापार, कब्जे और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया। PETA इंडिया की शिकायतों पर वर्ष 2018 व 2019 में दिल्ली पुलिस ने तथा वर्ष 2020 में हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस तरह के अभियान चलाकर कांटेदार लगाम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
PETA इंडिया ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह कांटेदार लगाम के निर्माण, कब्जे और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनी नियम अधिसूचित करे।