गौतमबुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश में मानसून ने इस बार एक हफ्ते पहले यानी 13 जून के आसपास ही दस्तक दे दी थी. लेकिन इसका असर सिर्फ पूर्वी यूपी तक ही सीमित होकर रह गया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मानसूनी बारिश का अभी भी बेसब्री से इंतजार है. एक ओर जहां पूर्वांचल में लगातार हो रही बारिश से लोग बेहाल हैं, तो वहीं पश्चिमी और मध्य यूपी में गर्मी से. इन क्षेत्रों में उमस के साथ खूब गर्मी पड़ रही है लेकिन बारिश का नामोनिशान नहीं है.
अच्छे मानसून के लिए अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को और इंतजार करना पड़ेगा. मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अब आगामी 13 जुलाई को तकरीबन 35 मिमी की बारिश के साथ मानसून वेस्ट यूपी में एंट्री करेगा. भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Farming Systems Research-IIFSR) के चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर एन सुभाष का कहना है कि वर्षा में देरी की वजह मानसून ब्रेक का होना है.
टेक्निकल टर्म मानसून ब्रेक के बारे में उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह अंतराल सात से आठ दिनों का होता है लेकिन अबकी बार वेस्ट यूपी में पंद्रह दिन का मानसून ब्रेक हुआ है. डॉक्टर सुभाष का कहना है कि 10-11 और 12 जुलाई को वर्षा का अनुमान नहीं है, जबकि 13 और 14 को अच्छी वर्षा के संकेत मिल रहे हैं. उनका कहना है कि वेस्ट यूपी में अभी तक प्री-मानसून शाॅवर ही हुआ है और 13 जुलाई तक जोरदार मानसून दस्तक देगा.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश खेती किसानी के लिए जाना जाता है. यहां के किसान बारिश को लेकर आकाश की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. इस रीजन में अब तक मानसूनी बारिश नहीं होने से धान और गन्ने की खेती पिछड़ रही है. किसानों को सिंचाई के लिए ट्यूबवेल और पंपिंग मशीनों का सहारा लेना पड़ रहा है. किसानों को सलाह देते हुए एन सुभाष कहते हैं कि खेती में अगर सिंचाई की आवश्यकता है तो उन्हें करनी ही होगी. हालांकि वह दोहराते हैं कि 13 जुलाई तक अच्छी बारिश की उम्मीद है.