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UP के सियासी चक्रव्‍यूह की रचना के लिए टीम-15 तैयार, कैबिनेट फेरबदल में दिखी रणनीति

लखनऊ: आज मोदी सरकार में पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. इस बड़े फेरबदल में एक बार फिर यूपी से सबसे ज्यादा मंत्री बनाए गए हैं. यूपी में 6 महीने बाद 2022 के विधान सभा चुनाव हैं. इसलिए आज के मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी से 7 नए चेहरों को जगह मिली है और यूपी के बरेली से सांसद संतोष गंगवार का केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफा लिया गया.

UP में साधा जातीय समीकरण

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले विस्तार में यूपी से जिन 7 नए चेहरों को जगह मिली है. जिसमें 3 OBC, 3 SC और 1 ब्राह्मण समुदाय के नेता हैं. हालांकि जिन 7 लोगों को मंत्री बनाया गया है, कई बार के सांसद भी हैं और अनुभवी नेता भी हैं.

यूपी के कोटे से कुल 15 मंत्री

यूपी में लोक सभा की 80 सीटें हैं और विधान सभा की 403 सीटें हैं. इसीलिये केन्द्र सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री भी यूपी से बनाए गए हैं. इस विस्तार से पहले केन्द्र सरकार में यूपी से 9 मंत्री थे और खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी यूपी के वाराणसी से ही लोक सभा के सांसद हैं. यानि मोदी सरकार में अब यूपी के कोटे से कुल 15 मंत्री होंगे.

सबसे पहले बात करते हैं, उन 7 चेहरों की जिन्हें आज यूपी से मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है.

1. अनुप्रिया पटेल- अपना दल (एस) की अध्यक्ष हैं. यूपी के मिर्जापुर लोक सभा सीट से दूसरी बार सांसद चुनी गईं हैं. यूपी में 2014 से अपना दल (एस) और बीजेपी का गठबंधन है. 2014 में इस गठबंधन के सूत्रधार अमित शाह थे, क्योंकि इस वक्त अमित शाह यूपी बीजेपी के प्रभारी थे. अनुप्रिया पटेल यूपी में कुर्मी वोट बैंक का सबसे बड़ा चेहरा हैं. पूर्वांचल और बुंदेलखंड के कुर्मी वोट बैंक पर अपना दल (एस) की अच्छी पकड़ मानी जाती है. यूपी में अपना दल के 2 लोक सभा सांसद और 9 विधायक और 1 MLC हैं. अपना दल संगठन का पूरा काम आशीष पटेल देखते हैं जो कि अनुप्रिया पटेल के पति हैं.

 2. बीएल वर्मा- यूपी से पहली बार राज्य सभा के सांसद बनाए गए. मूल रूप से बदायूं के रहने वाले बीएल वर्मा ओबीसी समुदाय की लोधी जाति से आते हैं. रूहेलखंड से बीएल वर्मा को चुना गया है. अब तक यूपी में कल्याण सिंह लोध वोट बैंक के सबसे बड़े चेहरा माने जाते हैं. लेकिन कल्याण सिंह इन दिनों अस्पताल में भर्ती हैं और तबीयत बहुत ज्यादा खराब है. बीजेपी यूपी में बीएल वर्मा को नए लोधी चेहरे के तौर पर आगे बढ़ा रही है.

3. एसपी सिंह बघेल- यह नाम यूपी की सियासत में बहुत मशहूर है. एससी समुदाय से आने वाले एसपी सिंह बघेल यूपी की आगरा लोक सभा सीट से सांसद हैं. पांचवी बार सांसद बने एसपी सिंह बघेल की पकड़ पाल-बघेल और धनगर वोटरों में अच्छी मानी जाती है. फिरोजाबाद और सपा के गढ़ से आने वाले एसपी सिंह बघेल एक वक्त में मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी लोगों में से एक थे. लेकिन 2017 में अपने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले के तहत अमित शाह ने एसपी सिंह बघेल को बीजेपी में शामिल कराया.

4. कौशल किशोर- यूपी के मोहनलालगंज लोक सभा सीट से सांसद हैं. लखनऊ जिले की इस लोक सभा सीट पर दूसरी बार कौशल किशोर सांसद बने हैं. यूपी में बीजेपी के अनुसूचित जाति के चेहरा माने जाते हैं कौशल किशोर. यूपी बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं, अमित शाह इन्हें बीजेपी में लेकर आए थे. यूपी की योगी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से कौशल किशोर काफी मुखर थे. कौशल किशोर को मंत्री बनाकर अवध और पूर्वी यूपी के एससी वोट पर बीजेपी की नजर है.

5. पंकज चौधरी- यूपी के महाराजगंज से सांसद हैं, छठी बार सांसद बने पंकज चौधरी बीजेपी के बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं. पंकज चौधरी तब भी लोक सभा का चुनाव जीतते रहे हैं जब यूपी में बीजेपी की कोई लहर नहीं थी. ओबीसी समुदाय में कुर्मी बिरादरी से आने वाले पंकज चौधरी को मंत्री बनाकर पूर्वांचल के कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश की गई है. हालांकि आज ही बरेली से सांसद संतोष गंगवार का मंत्रीपद से इस्तीफा लिया गया है, संतोष गंगवार कुर्मी बिरादरी से हैं, उनकी जगह पंकज चौधरी को मंत्री बनाया गया.

6. भानु प्रताप वर्मा- यूपी के जालौन लोक सभा सीट से सांसद हैं. बुंदेलखंड की राजनीति में बड़ा नाम है. एससी वोट बैंक के लिए भानु वर्मा को जगह मिली. एससी के कोरी समाज से आते हैं भानु वर्मा. भानु वर्मा पांचवीं बार सांसद बने हैं.

 7. अजय मिश्र टेनी- यूपी के लखीमपुर खीरी से लोक सभा सांसद हैं. दूसरी बार सांसद बने हैं. ब्राह्मण चेहरे के तौर पर आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है बीजेपी. अवध और मध्य यूपी के ब्राह्मण वोट बैंक पर नजर है.

UP के कोटे से पहले से हैं ये मंत्री

अब आपको उन नामों के बारे में बताते हैं जो पहले से ही मोदी सरकार में यूपी कोटे से मंत्री बने हुए हैं.

राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री- यूपी के लखनऊ से सांसद हैं और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
स्मृति ईरानी- यूपी के अमेठी लोक सभा सीट से सांसद हैं. 2019 के लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी को हराया था.
महेन्द्रनाथ पाण्डेय- यूपी की चंदौली लोक सभा सीट से सांसद हैं. 2019 के लोक सभा चुनाव के वक्त यूपी बीजेपी के अध्यक्ष थे. पूर्वांचल के बड़े और साफ सुथरे ब्राह्मण चेहरों में गिनती की जाती है.
साध्वी निरंजन ज्योति- यूपी के फतेहपुर लोक सभा सीट से सांसद हैं. वैसे तो साधु-संतों और साध्वी की कोई जाति नहीं होती है. लेकिन यूपी की राजनीति में जाति सबसे बड़ा सच माना जाता है. साध्वी निरंजन ज्योति निषाद समुदाय से आती हैं.
जनरल वीके सिंह- यूपी की गाजियाबाद लोक सभा सीट से दूसरी बार सांसद बने हैं. पूर्व थल सेना अध्यक्ष रहे वीके सिंह पश्चिमी यूपी और एनसीआर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
संजीव बालियान- यूपी के मुजफ़्फरनगर लोक सभा सीट से दूसरी बार सांसद बने हैं. पश्चिम यूपी में बीजेपी के सबसे बड़े जाट चेहरे के तौर पर संजीव बालियान जाने जाते हैं. 2019 के लोक सभा चुनाव में आरएलडी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय चौधरी अजित सिंह को चुनाव हराया था.
मुख्तार अब्बास नकवी- वैसे तो मुख्तार अब्बास नकवी राज्य सभा सांसद हैं लेकिन नकवी की कर्मभूमि यूपी का रामपुर है. मुख्तार अब्बास नकवी उस रामपुर से हैं जो आजम खान का गढ़ माना जाता है.
हरदीप सिंह पुरी- हरदीप सिंह पुरी का यूपी से कोई सीधा नाता तो नहीं है लेकिन हरदीप सिंह पुरी यूपी से ही राज्य सभा के सांसद बने हैं.

ये है पीएम मोदी रणनीति

इन नामों के अनुभव और जातिगत समीकरण से आप समझ गए होंगे कि 2022 के चुनाव से पहले कैसे पीएम मोदी ने यूपी में अपनी टीम-15 तैयार की है. इन 15 नामों में आपको यूपी के हर कौने और हर क्षेत्र का सामाजिक संतुलन दिखाई देगा.

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